Russia-Ukraine War 2025 के बढ़ते प्रभाव को लेकर Europe में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है। इस बार Scandinavian nation Sweden ने सख्त रुख अपनाते हुए मंगलवार को Russian Ambassador को Foreign Ministry में तलब किया है। Vladimir Putinस्वीडन की सरकार ने यह कदम हाल ही में यूक्रेन के सुमी और क्रिवी रिग पर हुए घातक रूसी हमलों के विरोध में उठाया है।
Sumy Attack 2025: क्या है मामला?
रविवार को Ukraine’s Sumy city में रूस द्वारा किए गए मिसाइल हमले में 35 नागरिकों की मौत और 100 से अधिक घायल होने की पुष्टि हुई है। इसे 2025 का अब तक का सबसे घातक नागरिक हमला बताया जा रहा है। इसके साथ ही, शुक्रवार को President Zelensky के गृहनगर Krivyi Rih पर भी हमला हुआ, जिसमें 20 लोगों की जान चली गई, जिनमें 9 बच्चे भी शामिल थे।
Swedish Foreign Minister Maria Malmer ने हमले के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी करते हुए लिखा:
“जो देश शांति चाहता है, वह ऐसे हमले नहीं करता। हम रूस से आग्रह करते हैं कि वह तत्काल यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए।”
स्वीडन का रूस को संदेश: युद्ध के नियमों का करें पालन
Swedish Foreign Ministry की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है:
“Russian Ambassador को तलब करके यह साफ किया गया कि रूस की जिम्मेदारी है कि वह international humanitarian laws का पालन करे और civilian infrastructure की रक्षा करे।”
स्टॉकहोम का यह कदम दर्शाता है कि पश्चिमी यूरोप के देश अब केवल symbolic condemnation से आगे बढ़कर diplomatic pressure की रणनीति अपना रहे हैं।
यूरोप में फिर बढ़ा दबाव, क्या शांति संभव है?
यूरोप के कई देशों ने Russia-Ukraine conflict को समाप्त करने की दिशा में renewed diplomatic efforts शुरू किए हैं। लेकिन Vladimir Putin के रुख को देखते हुए अभी भी शांति दूर नजर आती है।
U.S. President (पूर्व) डोनाल्ड ट्रंप ने भी पहले peace deal proposal रखा था, जिसे यूक्रेन ने स्वीकार किया था लेकिन रूस ने ठुकरा दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हमले तेज हो गए।
क्या यह Conflict नए मोड़ पर है?
Sumy और Krivyi Rih पर हुए हमलों ने दुनिया को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह युद्ध नियंत्रण से बाहर हो रहा है?
क्या Sweden और बाकी यूरोप रूस पर कूटनीतिक दबाव से उसे पीछे हटने को मजबूर कर पाएंगे?