Competition in Uttarakhand Panchayat elections: Highly qualified candidates left their jobs and entered the fray
उत्तराखंड में इस बार पंचायत चुनाव (Uttarakhand Panchayat Election 2025) कुछ हटकर नजर आ रहे हैं। नामांकन प्रक्रिया के दौरान सामने आ रहे उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता और प्रोफेशनल बैकग्राउंड ने सभी को चौंका दिया है। ग्राम प्रधान से लेकर BDC मेंबर और जिला पंचायत सदस्य बनने की रेस में अब आईटी प्रोफेशनल्स, टीचर्स, वकील और पोस्ट ग्रेजुएट तक शामिल हो चुके हैं।
नौकरी छोड़कर प्रधान बनने को तैयार उम्मीदवार
हल्द्वानी के बसानी गांव से आईं कविता आर्या, एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं, लेकिन पंचायत चुनाव के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी है। इसी तरह, गौलापार की दीक्षा बिष्ट और वैशाली नेगी, जो B.Ed कर चुकी हैं, अब ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रही हैं।
ब्लॉक प्रमुख की रेस में उतरीं प्रोफेशनल महिलाएं
मीना पांडे, जो पहले पति के व्यवसाय और सामाजिक कार्यों में हाथ बंटाती थीं, अब ब्लॉक प्रमुख की रेस में हैं। वहीं, Political Science में पोस्ट ग्रेजुएट नीलू नेगी, जो Self Help Group चलाती हैं, इलाके में काफी मजबूत दावेदार बनकर उभरी हैं।
आईटी से लेकर कानून तक का टैलेंट मैदान में
रीता बिष्ट, जो IT में MSc कर चुकी हैं, अब चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। वहीं, एलएलबी की डिग्री लेकर वकालत में कदम रखने वाले कपिल सिंह देउपा भी अपने दादा और चाची की तरह ग्राम प्रधान बनने का सपना देख रहे हैं। यह साफ दिख रहा है कि इस बार पंचायत स्तर पर शहरी टैलेंट का ग्रामीण राजनीति में प्रवेश हो चुका है।
अब सवाल ये है कि क्या इन highly qualified candidates की डिग्रियां और स्किल्स वोटर्स को प्रभावित कर पाएंगी?
पंचायत चुनाव 2025 की अहम तारीखें:
नामांकन: 2 जुलाई से 5 जुलाई
जांच: 7 से 9 जुलाई
नाम वापसी: 10-11 जुलाई
प्रतीक आवंटन: पहले चरण के लिए 14 जुलाई, दूसरे के लिए 18 जुलाई
मतदान: पहले चरण का 24 जुलाई, दूसरे चरण का 28 जुलाई