पाकिस्तान को मिला Reality Check! PM Sharif बोले- अब व्यापार चाहिए, भीख नहीं

Quetta Meeting में Pakistan PM Shehbaz Sharif ने स्वीकार किया कि देश लंबे समय से “भीख का कटोरा” लिए अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर रहा है। लेकिन अब पाकिस्तान इस छवि को पीछे छोड़ते हुए trade, investment और innovation की राह पर आगे बढ़ना चाहता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब देश केवल मदद मांगने वाला नहीं, बल्कि equal business partner बनना चाहता है।

बदलती सोच: “अब मदद नहीं, Innovation और Export Growth की चाह”

Shehbaz Sharif ने Command and Staff College, Quetta में सेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान को अब अपने आर्थिक future को खुद गढ़ना होगा। उन्होंने कहा,

“हम दुनिया से एक partner की तरह जुड़ना चाहते हैं। अब trade, education, healthcare और innovation हमारी प्राथमिकताएं हैं।”

उन्होंने यह भी माना कि अब आर्थिक dependency को खत्म करना होगा। अपने वक्तव्य में उन्होंने सेना प्रमुख Field Marshal Asim Munir का ज़िक्र करते हुए कहा कि

“मैं और मुनीर साहब अब इस बोझ को और ढोने को तैयार नहीं हैं क्योंकि इसका भार इस महान राष्ट्र पर पड़ता है।”

Trusted Allies: China, Saudi Arabia, UAE के साथ Strategic Partnerships की उम्मीद

Sharif ने बताया कि China, Saudi Arabia, Qatar, UAE और Turkey जैसे देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सिर्फ मदद तक सीमित नहीं रहने चाहिए। अब ये राष्ट्र पाकिस्तान से equal economic engagement चाहते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमें अब mutual trade deals और win-win strategies पर फोकस करना होगा।

Solution क्या है? Resource Utilization और Export-Driven Economy

Sharif का मानना है कि पाकिस्तान के पास जो natural और human resources हैं, उनका profitable utilization ही देश को आत्मनिर्भर बना सकता है।

“हमें उन loss-making units को बंद करना होगा जो export में बाधा हैं। देश को terrorism से मुक्त कर, unity को बढ़ावा देना और export-oriented projects में निवेश करना ही आगे का रास्ता है।”

Background: क्यों ज़रूरी हो गई ये स्वीकारोक्ति?

यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान गंभीर economic crisis, external debt burden और political instability से जूझ रहा है। International Monetary Fund (IMF) और दूसरे global lenders से मदद की बार-बार की जा रही अपील ने देश की छवि पर बुरा असर डाला है। अब प्रधानमंत्री Sharif की ये स्वीकारोक्ति इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान economic reset की ओर कदम बढ़ा रहा है।