LAC Dispute to Strategic Trust: भारत-चीन बातचीत में निकली समाधान की राह

बीजिंग – विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अपनी चीन यात्रा के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों को सामान्य करने के लिए सीमा विवाद (LAC Issues) के समाधान और दूरदर्शी दृष्टिकोण (Visionary Approach) अपनाने पर बल दिया।

जयशंकर ने कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत-चीन के बीच रिश्तों में सुधार हुआ है, जो सीमा पर तनाव घटाने और शांति बनाए रखने की हमारी सामूहिक क्षमता का परिणाम है।

“सीमा विवाद के बाकी मुद्दे भी हल हों”

विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि अब जरूरत है कि डेमचोक और देपसांग जैसे शेष संघर्ष बिंदुओं को भी हल किया जाए। उन्होंने कहा,

“द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए ज़रूरी है कि हम सीमा से जुड़े सभी मुद्दों पर ध्यान दें और तनाव कम करें।”

आर्थिक संबंधों में अवरोध न हों

जयशंकर ने चीन द्वारा लगाए गए Trade Barriers और Rare Earth Minerals Export Restrictions का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों को ऐसे प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों से बचना चाहिए, जो उद्योग और आर्थिक सहयोग को प्रभावित करते हैं।

उन्होंने साफ किया कि भारत ऐसी नीतियों का समर्थन करता है जो ओपन ट्रेड और सप्लाई चेन स्टेबिलिटी को बढ़ावा देती हैं।

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का कड़ा रुख

SCO Foreign Ministers Meet के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि संगठन में Zero Tolerance for Terrorism की नीति को मजबूत किया जाएगा। यह पाकिस्तान द्वारा पहलगाम हमले के ज़िक्र पर आपत्ति जताने के संदर्भ में भी अहम रहा।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद जैसी चुनौतियों से निपटना सभी सदस्य देशों की साझा जिम्मेदारी है।

दलाई लामा विवाद पर चीन की टिप्पणी
जयशंकर की यात्रा से पहले, बीजिंग स्थित चीनी दूतावास ने दलाई लामा के पुनर्जन्म से जुड़े भारत के रुख पर असंतोष जताया। भारत ने जवाब में कहा कि यह एक धार्मिक मामला है, जिसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं करती।

SCO बैठक और रणनीतिक संवाद
जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की और कहा कि मोदी-शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय रिश्तों में सकारात्मक गति आई है।

“हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस गति को बनाए रखें और नियमित संवाद को प्रोत्साहित करें,” जयशंकर ने कहा।

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर फिर से शुरुआत

भारत और चीन ने 75 वर्षों के राजनयिक संबंध पूरे किए हैं। जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर चीनी सरकार का आभार जताया।

लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर सहमति
दोनों पक्षों ने यह भी तय किया कि वे सीधी उड़ान सेवाओं, विज़ा प्रक्रियाओं और टूरिज़्म एंड स्टूडेंट एक्सचेंज को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रैक्टिकल स्टेप्स लेंगे।

जल सहयोग और भविष्य की रणनीति

जयशंकर ने सीमा पार नदी सहयोग और हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वांग यी ने कहा कि भारत और चीन को एक साथ मिलकर ग्लोबल साउथ, ओपन ट्रेड, और शांति व समृद्धि के लक्ष्यों पर काम करना चाहिए।