Kedarnath Yatra Tragedy: पैदल मार्ग पर दो श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
केदारनाथ यात्रा के दौरान एक बार फिर जानलेवा हादसे हुए हैं। शुक्रवार को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर दो बुजुर्ग यात्रियों की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक को मौत का संभावित कारण बताया है।
पहला मामला: गौरीकुंड के पास अचानक गिर पड़े महाराष्ट्र के श्रद्धालु
मृतक की पहचान गणेश कुमार शोभालाल गुप्ता (उम्र 66), निवासी श्रीकृष्णा नगर, हुड्को, सीडको कॉलोनी, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) के रूप में हुई है।
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वे सुबह करीब 4 बजे यात्रा के लिए गौरीकुंड से पैदल निकले थे।
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कुछ ही दूरी तय करने के बाद वे अचानक बेहोश होकर गिर पड़े।
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डीडीआरएफ (DDRF) की टीम ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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डॉक्टरों के अनुसार संभावित कारण हार्ट अटैक हो सकता है।
दूसरा मामला: थारू कैंप के पास आंध्र प्रदेश के यात्री की मौत
दूसरी घटना सुबह 11 बजे की है, जब थारू कैंप के पास एक और बुजुर्ग यात्री बेहोशी की हालत में मिले।
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पहचान हुई उमामहेश्वर वैंकट अवधानी (उम्र 61), निवासी वैंकटराय नगर, तुकुकु वेस्ट गोदावरी (आंध्र प्रदेश)।
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DDRF और Yatra Management Force ने उन्हें तुरंत लिनचोली मेडिकल रिलीफ पोस्ट (MRP) पहुंचाया।
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डॉक्टरों ने यहां भी उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हर साल दोहराई जाती है यही त्रासदी: सवालों के घेरे में स्वास्थ्य सेवाएं
केदारनाथ यात्रा पर हर साल दर्जनों श्रद्धालुओं की जान हार्ट अटैक और ऑक्सीजन की कमी से जाती है, फिर भी व्यवस्थाएं जस की तस बनी रहती हैं।
“क्या अब भी पैदल मार्ग पर हेल्थ चेकअप प्वाइंट्स और इमरजेंसी सपोर्ट पर्याप्त हैं?”
स्वास्थ्य विभाग, यात्रा प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
क्यों होता है Kedarnath Trek पर हार्ट अटैक का खतरा ज़्यादा?
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ऊँचाई में तेजी से बदलाव: ऑक्सीजन का स्तर गिरता है
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अधिक थकावट और स्ट्रेस: बुजुर्गों में जोखिम ज्यादा
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पहले से मौजूद बीमारियाँ: हृदय रोग, हाई BP, डायबिटीज
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अपर्याप्त मेडिकल स्क्रीनिंग: यात्रा से पहले फिटनेस जांच जरूरी
सुरक्षित यात्रा के लिए प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए सुझाव:
श्रद्धालुओं के लिए:
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यात्रा से पहले हेल्थ चेकअप अनिवार्य करवाएं
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BP, शुगर या हृदय रोग से ग्रसित लोग डॉक्टर की अनुमति से ही यात्रा करें
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ऑक्सीजन सिलेंडर या पोर्टेबल हेल्थ किट साथ रखें
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ताजगी और हाइड्रेशन बनाए रखें
प्रशासन के लिए:
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हर 2-3 किमी पर हेल्थ चेकअप बूथ लगाएं
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AI आधारित Health Monitoring सिस्टम ट्रायल पर लागू किया जाए
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बुजुर्गों और अस्वस्थ यात्रियों के लिए सिर्फ पोनी या पालकी विकल्प सुनिश्चित किया जाए