Kailash Mansarovar Yatra 2025: अब नाथू ला और लिपुलेख से ही होगी एंट्री, Home Ministry ने दी मंजूरी
गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए दो नए अस्थायी Immigration Checkpoints को अधिकृत किया है। ये चेकपोस्ट हैं:
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नाथू ला (Nathu La), सिक्किम
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लिपुलेख ला (Lipulekh La), गुंजी, उत्तराखंड
यह निर्णय तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अब यात्रा के दौरान यात्रियों की एंट्री और एग्जिट इन्हीं दो चेकप्वाइंट्स से की जाएगी।
COVID और Indo-China Standoff के बाद पहली यात्रा
Kailash Mansarovar Yatra को 2020 में COVID-19 Pandemic और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण रोक दिया गया था। करीब 5 साल के अंतराल के बाद यह पवित्र यात्रा फिर से शुरू की जा रही है।
Ministry of External Affairs (MEA) इस यात्रा का आयोजन हर वर्ष जून से सितंबर के बीच करती है। यात्रा मुख्यतः दो मार्गों से होती है:
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Lipulekh Pass Route (Uttarakhand)
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Nathu La Pass Route (Sikkim)
कैलाश मानसरोवर: धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
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Mount Kailash को हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।
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Mansarovar Lake को पवित्र माना जाता है और इसकी परिक्रमा करना मोक्ष का मार्ग समझा जाता है।
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यह यात्रा केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए भी गहरी आस्था का विषय है।
कैलाश यात्रा रूट्स की जानकारी
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Lipulekh Route (Uttarakhand)
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यह रूट कठिन है लेकिन प्राचीन मार्ग माना जाता है।
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इसमें पैदल ट्रेकिंग शामिल होती है और यह गुंजी, नाभीढांग से होते हुए चीन सीमा तक जाता है।
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यात्रा की कुल लंबाई लगभग 18–20 दिन होती है।
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Nathu La Route (Sikkim)
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यह रूट अपेक्षाकृत आसान है क्योंकि इसमें अधिकांश यात्रा बस और वाहन से होती है।
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बुजुर्ग और कमजोर स्वास्थ्य वाले यात्रियों के लिए यह रूट बेहतर माना जाता है।
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यह रूट ल्हासा के पास से होते हुए मानसरोवर तक पहुंचाता है।
यात्रा की तारीखें और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
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यात्रा आमतौर पर जून से सितंबर के बीच आयोजित होती है।
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MEA की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है।
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यात्रियों को पासपोर्ट, मेडिकल टेस्ट और फिजिकल फिटनेस जैसे दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं।
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चयन कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ सिस्टम से किया जाता है।
किसे करनी चाहिए यात्रा और क्या रखें सावधानी?
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जिनकी आयु 18–70 वर्ष के बीच है और जो फिटनेस टेस्ट पास करते हैं, वे ही इस यात्रा के पात्र होते हैं।
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ऊंचाई पर कम ऑक्सीजन और मौसम की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को विशेष तैयारी करनी चाहिए।
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यात्रा से पहले Fitness Certificate, Vaccinations, और आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था अनिवार्य होती है।