Elon Musk vs Sundar Pichai: गूगल के CEO बने कस्टमर सपोर्ट एजेंट, मस्क बोले- दुनिया के सबसे स्मार्ट लोग X पर हैं!
आज के दौर में जब सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी कॉर्पोरेट लड़ाइयाँ और टेक्नोलॉजी डिस्कशन पब्लिक में हो रही हैं, एक दिलचस्प वाकया सामने आया है – Google के CEO सुंदर पिचाई खुद कस्टमर सपोर्ट की भूमिका निभाते नजर आए, और इस पर Elon Musk ने एक तीखी लेकिन दिलचस्प टिप्पणी कर दी।
शिकायत कहाँ से शुरू हुई?
Quora के CEO एडम डी’एंजेलो ने Google Meet की ऑडियो क्वालिटी पर सवाल उठाते हुए लिखा:
“हमने Quora में Zoom की जगह Google Meet इस्तेमाल किया, लेकिन बैकग्राउंड नॉइज और इको की समस्या आ रही है, इसलिए Zoom पर लौट रहे हैं।“
इस ट्वीट पर Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने तुरंत जवाब दिया:
“एडम, हम इस समस्या को देखेंगे और सुधार करेंगे। मेरे अनुभव में तो यह ठीक चलता है, लेकिन हम इसे गंभीरता से लेंगे।“
मस्क का कमेंट: स्मार्ट लोगों की बातचीत X पर ही होती है!
इस बातचीत को जब Quora के को-फाउंडर युचेन जिन ने X (Twitter) पर शेयर किया, तो उन्होंने लिखा:
“जब गूगल का CEO खुद कस्टमर सपोर्ट करे, तो समझो वह AGI की रेस जीतने वाला है।“
इस पर Elon Musk ने जवाब दिया:
“दुनिया के सबसे समझदार और प्रभावशाली लोग X पर ही बात करते हैं।“
यह टिप्पणी तुरंत वायरल हो गई और हजारों लोगों ने इसे पसंद और रीट्वीट किया।
सोशल मीडिया की ताकत और CEOs की नई भूमिका
एक समय था जब बड़े कॉर्पोरेट नेता आम जनता से दूर रहते थे, लेकिन अब वे सोशल मीडिया के जरिए सीधे संवाद कर रहे हैं।
यूजर्स ने भी इस बातचीत पर प्रतिक्रियाएँ दीं:
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“CEO का इस तरह खुद जवाब देना लाजवाब है!”
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“इससे हमें कंपनियों के अंदर की समस्याएं और उनकी सुलझाने की प्रक्रिया का अंदाजा मिलता है।”
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“पहले सोशल मीडिया शहरों तक था, अब ये CEO लेवल की चर्चा का ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन गया है।”
AGI क्या है और क्यों हुई इसमें बात?
AGI यानी Artificial General Intelligence – यह एक ऐसी AI तकनीक है जो इंसानों की तरह सोच सकती है, नया सीख सकती है और किसी भी कार्य को स्वतंत्र रूप से कर सकती है।
आज की AI (जैसे ChatGPT, Google Assistant) सिर्फ स्पेशल टास्क तक सीमित होती है
AGI इंसानों की तरह लचीली होगी – संगीत, पेंटिंग, मैथ – सब कुछ सीख सकेगी
AGI को लेकर राय बंटी हुई है:
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Elon Musk और Ray Kurzweil जैसे विशेषज्ञ मानते हैं कि यह 2040-2050 तक आ सकता है
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कुछ इसे फिक्शन या रिसर्च थ्योरी ही मानते हैं
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यह मेडिकल, क्लाइमेट चेंज और एजुकेशन में क्रांति ला सकता है, लेकिन इसके जोखिम भी बहुत बड़े हैं