सहकारिता मंत्री का बड़ा ऐलान – उत्तराखंड में लागू होगा ‘गुजरात डेयरी सिस्टम’

गुजरात की सफल दुग्ध सहकारी प्रणाली (Milk Cooperative System) अब उत्तराखंड की राह भी आसान बना सकती है। उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुजरात के गोधरा में Panchamrut Dairy Cooperative Society और Ashapura Chhariya Milk Union का दौरा कर वहां की व्यवस्था का गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि गुजरात मॉडल पूरे देश के लिए मिसाल है, और अब उत्तराखंड में भी इस तरह की दुग्ध सहकारी व्यवस्थाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।

 गुजरात की डेयरी यूनियन से मिला नया विज़न

डॉ. रावत ने बताया कि गुजरात की डेयरी यूनियन्स में milk collection, processing और distribution system को बेहद कुशल और पारदर्शी तरीके से संचालित किया जाता है। 1973 में स्थापित Panchmahal District Cooperative Milk Producers Union Ltd आज हजारों ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक रीढ़ बन चुकी है।

 उत्तराखंड में डेयरी सेक्टर को मिलेगा नया आयाम

सहकारिता मंत्री ने कहा,

“गुजरात की सहकारी दुग्ध प्रणाली देश के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उत्तराखंड सरकार इस मॉडल से प्रेरणा लेकर ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों के लिए income generation और self-employment के नए रास्ते खोलेगी।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि उत्तराखंड में ऐसी संरचना तैयार की जाएगी, जिससे दूध उत्पादकों को सीधे बाजार से जोड़ने, उन्नत टेक्नोलॉजी अपनाने और processing units विकसित करने में मदद मिलेगी।

 Technology + Cooperation = Success

गुजरात के सहकारी संगठनों ने technical innovations और cooperative values के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है। डॉ. रावत ने ऐसे नवाचारों को उत्तराखंड में लागू करने की बात कही, जिससे राज्य का dairy sector नई ऊंचाइयों को छू सके।