Shubhanshu Shukla from ISS: 28 हजार की रफ्तार से लौटे धरती पर, अब भारत कब आएंगे?

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla ने 18 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहने के बाद मंगलवार को Pacific Ocean में सुरक्षित लैंडिंग की। इस सफलता के साथ उन्होंने कई ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाए—जिनमें पृथ्वी की कक्षा में सबसे लंबे समय तक रहने वाले भारतीय और NASA-Axiom Mission 4 का हिस्सा बनने वाले पहले भारतीय यात्री शामिल हैं।

लेकिन अभी भी भारत में उनका भव्य स्वागत होने में थोड़ा वक्त बाकी है।

 अंतरिक्ष से लौटे Shubhanshu क्यों 7 दिन तक पृथ्वी पर ‘अलग-थलग’ रहेंगे?

Union Minister Jitendra Singh के अनुसार, शुभांशु शुक्ला को भारत आने से पहले कई post-mission protocols से गुजरना होगा:

Gravitational Reacclimatization: पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में दोबारा ढलने की प्रक्रिया

Medical Tests: गहन स्वास्थ्य परीक्षण

ISRO Interaction: इसरो और अन्य एजेंसियों के साथ वैज्ञानिक सत्र

Psychological Adjustment: अंतरिक्ष से लौटने के बाद मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाए रखना

इन सभी प्रक्रिया के बाद ही वे 17 अगस्त 2025 तक भारत लौट सकेंगे।

 Mission Highlights: Microgravity से लेकर Cancer Research तक

शुभांशु शुक्ला ने ISS Mission के दौरान कई अत्याधुनिक scientific experiments किए, जिनमें शामिल थे:

Microgravity Experiments

Stem Cell Research

Cyanobacteria Study

Autonomous Health Monitoring

NASA के अनुसार, उनके द्वारा किया गया Stem Cell Differentiation Research भविष्य में cancer treatment में क्रांति ला सकता है। वहीं, cyanobacteria पर शोध भविष्य के चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए भोजन और ऑक्सीजन उत्पादन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

 Earth Landing: 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से ड्रैगन यान की वापसी

शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे प्रशांत महासागर में उतरे।

SpaceX Dragon capsule ने वायुमंडल में प्रवेश से पहले अत्यधिक गर्मी और दबाव को झेला।

Recovery Ship Shannon द्वारा सभी को सुरक्षित निकाला गया और कैमरों की ओर मुस्कराते हुए हाथ हिलाते हुए वे बाहर निकले।

इसके बाद हेलिकॉप्टर से तट पर लाया गया जहां medical screening की गई।

 Shubhanshu Shukla: भारत के लिए क्यों हैं इतने खास?

विशेषता विवरण
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा (1984) के बाद
Axiom-4 Mission का हिस्सा NASA के प्रायोजित
पृथ्वी की कक्षा में सबसे लंबा समय 20 दिन
प्रमुख प्रयोग Stem Cells, Cyanobacteria, Microgravity
वापसी की तारीख 16 जुलाई 2025 (प्रशांत महासागर)
भारत वापसी संभावित 17 अगस्त 2025

अंतरिक्ष से धरती और अब भारत की ओर एक और ऐतिहासिक यात्रा

Shubhanshu Shukla की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह Gaganyaan Mission की तैयारी में भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उनकी scientific contributions और space endurance आने वाले भारतीय मिशनों के लिए नींव साबित होंगी।

अब सबकी नजरें 17 अगस्त पर हैं, जब भारत अपने नए अंतरिक्ष नायक का स्वागत करेगा।