क्या तहव्वुर राणा से खुलेंगे 26/11 के राज़? जानें भारत में क्या होगा पहला कदम

Extradition के बाद तहव्वुर राणा से कैसे निपटेगा भारत? NIA की पूछताछ, कसाब वाला बैरक तैयार

26/11 Mumbai Terror Attacks के बड़े आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Rana) को आखिरकार अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। Legal battle करीब 15 साल तक चली और अब उसे Extradite कर भारत लाने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। एक भारतीय जांच दल अमेरिका रवाना हो चुका है और गुरुवार दोपहर तक राणा के भारत पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

NIA Court में होगा पहला पड़ाव

जैसे ही राणा भारत पहुंचेगा, उसे Patiala House Court में स्थित Special NIA Court में पेश किया जाएगा। यहां National Investigation Agency (NIA) उसकी custodial interrogation की मांग करेगी। अधिकारियों के मुताबिक, राणा से उसके ईमेल्स, travel records और गवाहों के बयान के आधार पर गहन पूछताछ की जाएगी।

High-Security जेल में होगा बंद

सूत्रों के अनुसार, राणा को Tihar Jail की हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा जाएगा, जहां पहले से ही सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम कर दिए गए हैं। US Government को भारत ने भरोसा दिलाया है कि राणा को सभी कानूनी अधिकार और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

Kasab वाली बैरक तैयार – Arthur Road Jail

अगर राणा को मुंबई ट्रायल के लिए लाया जाता है, तो उसे Arthur Road Jail की Barrack No. 12 में रखा जाएगा। यह वही बैरक है जहां 26/11 हमलों के दोषी Ajmal Kasab को फांसी से पहले रखा गया था। जेल प्रशासन ने अभी कोई आधिकारिक आदेश नहीं प्राप्त किया है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को पहले से अलर्ट मोड पर रखा गया है।

शाह-डोभाल की High Level Meeting

राणा के प्रत्यर्पण के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah, विदेश मंत्री S. Jaishankar, और NSA Ajit Doval के बीच एक अहम बैठक हुई। इस मीटिंग में IB के डायरेक्टर Tapan Deka और Foreign Secretary Vikram Misri भी शामिल थे। बैठक में सुरक्षा के साथ-साथ रणनीतिक और डिप्लोमैटिक पहलुओं पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।

Tahawwur Rana का Terror Connection

राणा, जो कि Pakistani-origin का Canadian businessman है, पर आरोप है कि उसने अपने बचपन के दोस्त David Coleman Headley के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश रची। Headley, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा था, ने हमले से पहले कई बार मुंबई में reconnaissance की।

NIA की 2011 की चार्जशीट के अनुसार, राणा ने Immigrant Law Center के नाम से मुंबई में ऑफिस खोला ताकि हेडली को रेकी करने में मदद मिल सके। नवंबर 2008 में राणा ने अपनी पत्नी के साथ दिल्ली, आगरा, कोच्चि, हापुर, अहमदाबाद और मुंबई जैसे शहरों की यात्रा की थी।


ISI से Link – एक बड़ा खतरा?

जांच में यह भी सामने आया है कि राणा की बातचीत एक संदिग्ध ISI अधिकारी Major Iqbal से भी हुई थी। यह अधिकारी Mumbai attacks की planning में शामिल माना जाता है।

अमेरिका में गिरफ्तारी से लेकर भारत आने तक की Timeline

2009 में FBI ने शिकागो से राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर Denmark में एक failed terror plot में शामिल होने का आरोप था। हालांकि, अमेरिकी अदालत ने 26/11 से संबंधित आरोपों से उसे बरी कर दिया लेकिन अन्य आतंकी गतिविधियों में उसे 14 साल की सजा दी गई।

भारत ने Interpol Red Notice जारी कर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की। अमेरिका में राणा ने कई बार Extradition को रोकने की कोशिश की, लेकिन 7 अप्रैल 2025 को US Supreme Court ने उसकी अंतिम अपील खारिज कर दी।

NIA को किससे जुड़ी उम्मीदें?

अब NIA को उम्मीद है कि राणा से पूछताछ में Hafiz Saeed, Zaki-ur-Rehman Lakhvi, Sajid Mir और Ilyas Kashmiri जैसे आतंकियों के ISI से जुड़े नेटवर्क पर और भी जानकारी सामने आएगी। इन फरार आरोपियों के खिलाफ पहले ही non-bailable warrants जारी किए जा चुके हैं और पाकिस्तान को judicial requests भेजे जा चुके हैं, जिनका जवाब अब तक नहीं आया है।

क्यों अहम है Tahawwur Rana का Extradition?

2012 में Ajmal Kasab की फांसी के बाद यह पहला मौका है जब 26/11 से जुड़े किसी विदेशी आरोपी को भारत लाया गया है। इससे न केवल India’s legal system को मजबूती मिलेगी, बल्कि diplomatic pressure on Pakistan भी बढ़ेगा। यह पाकिस्तान की सेना और ISI की भूमिका को बेनकाब करने का बड़ा अवसर हो सकता है।