उत्तराखंड में कर्मचारियों का Regularization कब होगा? बड़ा अपडेट आया सामने!

उत्तराखंड में employees regularization policy को लेकर नया अपडेट सामने आया है। अब इस मुद्दे को Cabinet approval के लिए भेजने की तैयारी चल रही है। हाल ही में मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। इस बैठक में सचिव कार्मिक शैलेश बगौली, सचिव वित्त आर.के. सुधांशु, और अन्य अधिकारी शामिल हुए।

पहले क्या थी नियमावली?

राज्य में लंबे समय से daily wage workers, contract employees, part-time workers, ad hoc employees आदि के लिए regularization की प्रक्रिया पर चर्चा चल रही थी। साल 2011 में पहली बार नियमावली लागू की गई थी, जिसके तहत 10 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को permanent government service में शामिल करने का प्रावधान था।

इसके बाद 2013 में एक संशोधित नियमावली बनाई गई जिसमें सेवा की सीमा को घटाकर 5 साल कर दिया गया। इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद जगी। लेकिन यह नियमावली बाद में कोर्ट में चुनौती दी गई।

कोर्ट का निर्णय और वर्तमान स्थिति

2018 में Nainital High Court में याचिका दायर की गई। इसके बाद 22 फरवरी 2024 को कोर्ट ने आदेश दिया कि सेवा की सीमा 10 साल ही मान्य होगी। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 5 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा सकता।

इस मुद्दे पर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी अधिकारियों ने प्रकरण को कैबिनेट में रखने पर सहमति जताई। अब संभावना है कि Cabinet decision में 2013 की नियमावली में संशोधन कर 5 साल की सेवा को 10 साल किया जाएगा। इसके बाद 4 दिसंबर 2008 तक नियुक्त कर्मचारियों को नियमित (regular employee) बनने का मौका मिल सकता है।

UPNL और Outsourced Employees का क्या होगा?

इसी तरह का मुद्दा UPNL employees और outsourced workers को लेकर भी चल रहा है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि इनके लिए अलग नियमावली तैयार की जाए। फिलहाल Finance Secretary R.K. Sudhanshu की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि इन्हें भी वही नियम लागू किया जाए जो contract और ad hoc employees के लिए बन रहा है, ताकि उन्हें भी जल्दी से जल्दी job security मिल सके।

मुख्यमंत्री का रुख

मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami पहले भी कह चुके हैं कि सरकार जल्द ही regularization of outsourced and UPNL employees पर विचार करेगी। कर्मचारी संगठन इसे लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। खासकर चुनावी वर्ष में यह मुद्दा अहम भूमिका निभा सकता है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि सरकार को इस नीति पर शीघ्र निर्णय लेकर लागू करना चाहिए ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।