Uttarakhand Health Crisis: सड़क न होने पर डोली से पहुंचाया मरीज
जब पहाड़ों की चुप्पी चीखने लगे, तो समझ लीजिए वहां सिस्टम ने लोगों को अकेला छोड़ दिया है। उत्तराखंड के भद्रकाली गांव से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जहां इलाज के लिए न ambulance थी, न कोई सड़क। ग्रामीणों ने 81 वर्षीय बुजुर्ग गिरीश जोशी को डोली में बैठाकर 3 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया और फिर वहां से 25 किलोमीटर दूर कांडा के अस्पताल ले जाकर इलाज दिलवाया।
4 साल पहले बनी सड़क… लेकिन अधूरी
गांव के लोगों ने बताया कि 2021 में विधायक निधि से लाखों रुपये खर्च करके गांव के लिए सड़क खुदाई का काम शुरू किया गया था। लेकिन आज तक वह सड़क अधूरी ही पड़ी है। ना डामर, ना पक्की राह। नतीजा ये है कि अगर गांव में कोई बीमार हो जाए या महिला को प्रसव पीड़ा हो, तो पहले 3 किलोमीटर पैदल खाई-पहाड़ी पार करनी पड़ती है, तब जाकर सड़क तक पहुंचा जा सकता है।
डोली से 3 किलोमीटर, फिर गाड़ी से 25 किलोमीटर
रविवार को जब गिरीश जोशी अचानक बीमार हुए, तो गांव के प्रदीप जोशी, दीपक जोशी, महेश जोशी, भास्कर जोशी, विपिन जोशी, जयकृष्ण जोशी, देवकीनंदन जोशी और गोपाल जोशी ने मिलकर उन्हें डोली में लिटाया और गांव से सड़क तक का कठिन सफर तय किया। फिर एक वाहन से उन्हें कांडा के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज शुरू हो सका।
पहाड़ का दर्द: न संसाधन, न सुविधा
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No Ambulance Access
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Unfinished rural road since 2021
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3 KM uphill walk for emergency cases
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Health crisis in remote villages
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Migration due to lack of infrastructure