Uttarakhand Demolition Rules: Now houses will not be demolished without procedure!
Uttarakhand में अब किसी भी encroachment removal या demolition drive में मनमानी नहीं की जा सकेगी। Supreme Court के आदेश के तहत Urban Development Department ने नई Standard Operating Procedure (SOP) जारी की है। इसके अनुसार, अतिक्रमण हटाने से पहले नोटिस देना, सुनवाई कराना और पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड करना अनिवार्य होगा।
अब कोई भी विभाग बिना पूर्व सूचना के रातों-रात bulldozer action नहीं कर सकेगा। पूरी प्रक्रिया की जानकारी official portal पर अपलोड करना भी जरूरी होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद SOP लागू
अतिक्रमण हटाने को लेकर कई मामलों में legal disputes सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचे थे। इन विवादों के समाधान के लिए 13 नवंबर 2024 को कोर्ट ने आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थलों जैसे सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन या नदी क्षेत्र के अतिक्रमण पर ये नियम लागू नहीं होंगे।
इसके बाद अब किसी भी अतिक्रमण को हटाने से पहले प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
15 दिन का नोटिस अनिवार्य
SOP के तहत अब अतिक्रमण हटाने से पहले 15 दिन का notice period देना होगा। यह नोटिस:
संबंधित संपत्ति पर चस्पा किया जाएगा,
रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाएगा,
जिलाधिकारी कार्यालय को सूचना दी जाएगी।
जिलाधिकारी एक nodal officer नियुक्त करेंगे जो पूरे प्रकरण की निगरानी करेगा।
पोर्टल पर दर्ज होगी पूरी जानकारी, सुनवाई का मिलेगा मौका
तीन महीने के भीतर एक online portal तैयार किया जाएगा। इसमें सभी अतिक्रमण से जुड़ी जानकारी दर्ज होगी। संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिया जाएगा और सक्षम अधिकारी को अपने निर्णय का reason statement भी देना होगा।
ध्वस्तीकरण से पहले कब्जाधारक को 15 दिन का समय खुद अतिक्रमण हटाने के लिए दिया जाएगा। ये नियम उन मामलों पर लागू नहीं होगा जिन पर stay order या court case पहले से विचाराधीन हैं।
गलत ध्वस्तीकरण पर अधिकारी होंगे जिम्मेदार
नई SOP के तहत:
ध्वस्तीकरण से पहले विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी,
रिपोर्ट पर दो पंचों के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे,
पूरी प्रक्रिया की video recording कराई जाएगी,
मौके पर मौजूद अधिकारियों का विवरण दर्ज होगा।
अगर ध्वस्तीकरण गलत पाया गया या कोर्ट से पहले से stay order मिला होगा तो पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। ऐसे में अधिकारी को:
तोड़े गए निर्माण का compensation निजी तौर पर देना होगा,