Uttarakhand Accident: 3 pilgrims died after truck overturned in Tehri, innocent Nakul did not even get a scratch
Uttarakhand’s Tehri Garhwal district में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। कांवड़ भंडारे का सामान और श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक ट्रक Fakot के पास Tachsala मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गया। इस दर्दनाक दुर्घटना में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 18 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
घटना के वक्त ट्रक में Delhi और Haryana से आए श्रद्धालु सवार थे, जो Haridwar में कांवड़ सेवा के लिए जा रहे थे।
मलबे में दबे श्रद्धालु, रेस्क्यू में लगी SDRF और पुलिस
हादसा इतना जबरदस्त था कि ट्रक पूरी तरह पलट गया और कई श्रद्धालु इसके नीचे दब गए। सूचना मिलते ही SDRF, Narendra Nagar Police और स्थानीय लोग राहत-बचाव कार्य में जुट गए। घायलों को तुरंत Fakot Hospital और गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को AIIMS Rishikesh रेफर किया गया।
चार साल का मासूम सुरक्षित, ‘ईश्वरीय चमत्कार’ माना गया
इस हादसे में जहां कई श्रद्धालु खून से लथपथ हो गए, वहीं एक 4 वर्षीय बच्चा नकुल पूरी तरह सुरक्षित बच गया। जब राहत दल ने मलबे से उसे बाहर निकाला, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। किसी ने इसे God’s miracle कहा, तो किसी ने कहा – “भगवान ने बच्चे की रक्षा की है।”
मृतकों की पहचान, सीएम धामी ने जताया शोक
हादसे में जिन तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई, उनकी पहचान विक्की, सुनील सैनी और संजय के रूप में हुई है। मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
दुर्घटना के कारणों की जांच जारी
Narendra Nagar थाना प्रभारी संजय मिश्रा ने बताया कि यह हादसा सुबह करीब 9 बजे Fakot और Jajal के बीच हुआ। Tehri DM Nitika Khandelwal के अनुसार, यह जगह Khadi से 2 किलोमीटर आगे स्थित है।
प्रशासन ने तुरंत rescue operation शुरू किया और ट्रक के नीचे फंसे सभी यात्रियों को निकाला। हादसे का exact reason अभी सामने नहीं आया है, लेकिन प्राथमिक जानकारी के अनुसार ट्रक steep slope पर control lose होने के कारण पलट गया।
Tehri Truck Accident न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक दर्दनाक अनुभव था, बल्कि यह बताता है कि yatra safety और transport regulation पर अब और अधिक गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है। जहां एक ओर यह हादसा कई परिवारों के लिए दुख लेकर आया, वहीं चार साल के नकुल की सलामती ने यह भी याद दिलाया कि चमत्कार अब भी होते हैं।