अमेरिका-चीन संबंध बेहतर होंगे, ट्रंप ने टैरिफ और रणनीति पर जताई राय

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और अमेरिका के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन के साथ बेहतर और मजबूत संबंध बनाने जा रहा है। हालांकि, ट्रंप ने इस दौरान कुछ ऐसा कहा जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा तेज हो गई।

उन्होंने कहा, “उनके पास कुछ दांव हैं, हमारे पास भी अविश्वसनीय दांव हैं, लेकिन मैं उन दांवों को नहीं खेलना चाहता। अगर मैं खेलूंगा तो वे चीन को बर्बाद कर देंगे। मैं ये पत्ते नहीं खेलूंगा।” यह बयान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग की मौजूदगी में दिया गया।

टैरिफ पर संकेत

हालांकि ट्रंप ने इस दौरान टैरिफ पर सीधे तौर पर कोई नया आदेश नहीं दिया, लेकिन उन्होंने इशारा किया कि अगर चीन अमेरिका को मैग्नेट (ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योगों के लिए जरूरी आपूर्ति) नहीं देता, तो उस पर 200% तक टैरिफ लगाया जा सकता है। समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से ट्रंप ने कहा कि यदि चीन हमें जरूरी सप्लाई नहीं देगा, तो हमें उन पर 200 प्रतिशत तक शुल्क लगाना पड़ सकता है।

अमेरिका ने चीन के लिए टैरिफ बढ़ाया

हाल ही में ट्रंप ने चीन के लिए पहले से लगाए गए टैरिफ की अवधि बढ़ा दी है। अमेरिका ने चीन पर फेंटेनाइल से संबंधित शुल्कों में 20% और आधार दर 10% लगाया था, जिससे कुल 30% शुल्क हो जाता है। इसे अब 90 दिनों तक बढ़ा दिया गया है।

भारत पर 50% टैरिफ

टैरिफ की राजनीति केवल चीन तक सीमित नहीं है। ट्रंप ने भारत पर 27 अगस्त 2025 से 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। इनमें से आधा शुल्क पहले ही लागू हो चुका था और शेष शुल्क 27 अगस्त 2025 की रात 12:01 बजे से लागू होगा।

टैरिफ बढ़ाने की वजह बताते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए फंड मिल रहा है। उनके अनुसार, भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को आगे बढ़ा रहा है।

भारत का विरोध

भारत ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है। भारत ने कहा कि यूरोपीय देश भारत की तुलना में चीन के साथ ज्यादा व्यापार करते हैं। इसके अलावा, अमेरिका खुद भी रूस से कुछ चीजें खरीदता है। भारत ने यह भी तर्क दिया कि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, लेकिन अमेरिका ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।