उत्तराखण्ड को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम: सीएम धामी ने किया ‘पावर सरप्लस’ राज्य का संकल्प
देहरादून, 17 अप्रैल — उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को ‘पावर सरप्लस’ यानी बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी संबंधित विभागों, अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलकर समन्वय के साथ कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन, देहरादून में आयोजित एक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। कर्मचारियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री की नीतियों और संवेदनशील निर्णयों की सराहना की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह अभिनंदन उत्तराखंड की जनता का है, जिनके विश्वास से हमें प्रदेश की सेवा का अवसर मिला है।” उन्होंने ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा मिल रहे सहयोग की भी सराहना की। विशेष रूप से यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में विशेष श्रेणी में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि:
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लखवाड़ बांध परियोजना, जमरानी बहुउद्देश्यीय परियोजना, और सौंग बांध परियोजना जैसे महत्त्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर कार्य तेज़ी से जारी है। ये परियोजनाएं न केवल बिजली उत्पादन बल्कि जल प्रबंधन और आपदा से निपटने की दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
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जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन) जैसे अत्याधुनिक तकनीक वाले उपकेंद्र राज्य में स्थापित किए जा रहे हैं जिससे ऊर्जा वितरण और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है।
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प्रदेश में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जो पारदर्शिता और रीयल टाइम डाटा संग्रहण में सहायक साबित हो रहे हैं।
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देहरादून शहर की बिजली लाइनें भूमिगत की जा रही हैं, जिससे आपदा के समय में विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
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ऑटोमेटेड डिमांड रिस्पॉन्स सिस्टम के उपयोग से हर वर्ष करोड़ों रुपये की बचत हो रही है।