Supreme Court ने लगाई फटकार: ‘Publicity के लिए याचिका दायर की?’ वकील पर लगा जुर्माना

Chief Justice of India (CJI) Justice D.Y. Chandrachud की अनुपस्थिति में कार्यभार संभाल रहे Justice B.R. Gavai हाल ही में एक आधिकारिक यात्रा पर Maharashtra गए थे। इसी दौरान protocol violation के आरोप को लेकर एक वकील ने Supreme Court में Public Interest Litigation (PIL) दायर कर दी।

याचिका में कहा गया कि मुंबई पहुंचने पर न तो Chief Secretary, न DGP और न ही Police Commissioner CJI को रिसीव करने पहुंचे – जो कि established protocol का उल्लंघन है। वकील ने मामले की judicial inquiry की मांग की थी।

Supreme Court की सख्त टिप्पणी – सस्ती लोकप्रियता की कोशिश

CJI गवई की अगुवाई वाली बेंच ने याचिका को publicity stunt करार देते हुए वकील को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने कहा:

“CJI खुद पहले ही इस मामले को समाप्त मान चुके हैं। इसके बावजूद अदालत को अनावश्यक रूप से घसीटा गया, सिर्फ मीडिया अटेंशन के लिए।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि यह याचिका “तिल का ताड़” बनाने जैसी है।

 CJI की ओर से पहले ही दिया जा चुका था बयान

CJI Gavai ने 20 मई को खुद अपील की थी कि इस मुद्दे को बेवजह आगे न बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा:

“मुझे किसी प्रकार की personal attention की आवश्यकता नहीं है। यह CJI के पद की गरिमा का सवाल है, और सरकार के तीनों अंगों को एक-दूसरे के लिए सम्मान दिखाना चाहिए।”

उन्होंने यह भी बताया कि बाद में तीन सीनियर अधिकारियों ने उनसे माफी मांगी और उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने आए। मामला वहीं सुलझ गया था।

 ‘कितने साल से कर रहे हो प्रैक्टिस?’ – कोर्ट का सवाल और जुर्माना

जब याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, तो CJI ने पूछा:

“आप कितने वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे हैं?”

वकील ने जवाब दिया – सात साल। इसके बाद कोर्ट ने ₹7000 का जुर्माना लगाया और कहा कि यह राशि needy litigants की legal aid के लिए उपयोग की जाएगी।