Stray dog menace across the country: Madras High Court warns state government
देशभर में stray dog problem फिर से सुर्खियों में है। हाल ही में Supreme Court ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते कुत्तों के हमलों को देखते हुए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। अब Madras High Court, Madurai Bench ने भी इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए संकेत दिए हैं कि राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने का आदेश दिया जा सकता है।
चौंकाने वाले आंकड़े
मंगलवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि Tamil Nadu में इस साल अब तक 3.67 lakh से अधिक लोग stray dog attacks का शिकार हुए हैं। इनमें से 20 लोगों की मौत rabies infection के कारण हुई है।
अदालत ने कहा कि यह समस्या केवल आवारा कुत्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि public safety और सड़कों तथा मंदिरों में घूमते आवारा पशुओं की वजह से भी खतरनाक हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन का अध्ययन
पीठ ने कहा कि वे पहले Supreme Court के हालिया आदेशों का विस्तृत अध्ययन करेंगे और उसके बाद संयुक्त आदेश जारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की पहचान, उन्हें पकड़ने, आश्रय स्थलों में रखने और sterilization-vaccination programs के लिए स्पष्ट गाइडलाइन दी थी।
समाज में दो ध्रुवीय मत
Animal Rights Advocates:
उनका कहना है कि देश में पहले से ही shelter shortage है।
पर्याप्त कार्यबल और पशु विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से इतने सारे stray dogs का सही देखभाल करना मुश्किल है।
उनका सुझाव है कि समस्या का समाधान बड़े पैमाने पर nasbandi और vaccination campaign के जरिए किया जाए।
Public Safety Advocates:
उनका मानना है कि stray dog attacks तेजी से बढ़ रहे हैं और जानलेवा साबित हो रहे हैं।
रेबीज जैसी बीमारी से मौत होना गंभीर है, इसलिए नागरिक सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
कोर्ट के सख्त निर्देशों का समर्थन कर रहे हैं।
कानूनी और प्रशासनिक चुनौतियां
कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि अदालत को balanced approach अपनानी होगी—एक तरफ मानव जीवन की सुरक्षा और दूसरी तरफ animal rights का सम्मान।
अगर अदालत सुप्रीम कोर्ट जैसी गाइडलाइन लागू करती है, तो state government के सामने चुनौती होगी—shelter facilities, vaccination और sterilization campaigns के लिए संसाधन जुटाना।
पशु विशेषज्ञों का सुझाव
समस्या का स्थायी समाधान केवल catch-and-hold से नहीं, बल्कि जन्म दर पर नियंत्रण से संभव है।
हर जिले में नियमित sterilization centers, टीकाकरण और public awareness campaigns जरूरी हैं।
नगर निगमों को सड़कों और मंदिरों में सफाई मजबूत करनी होगी ताकि कचरे और खुले खाने के स्रोत कम हों।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
मद्रास हाईकोर्ट का आगामी फैसला Tamil Nadu में stray dog management की दिशा तय करेगा। यह सिर्फ कानून या प्रशासन का मामला नहीं है, बल्कि समाज की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से भी जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों के रुख से साफ है कि अब इस समस्या को अनदेखा करना संभव नहीं।