कुमाऊं के 114 होटलों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती, 15 दिन में मांगा जवाब
क्या है पूरा मामला? जानें नोटिस की वजह
उत्तराखंड में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने कुमाऊं क्षेत्र के पांच जिलों के 114 होटलों को नोटिस जारी किया है।
इन होटलों पर पर्यावरणीय नियमों का पालन न करने और जरूरी पंजीकरण न कराने का आरोप है। PCB ने सभी होटलों को 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्यों भेजा गया नोटिस?
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनुराग नेगी के अनुसार, यह कार्रवाई उन होटलों के खिलाफ की गई है जो लंबे समय से पंजीकरण और पर्यावरणीय मंजूरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इनमें कुछ होटल नए खुले हैं, जिन्होंने अब तक ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है, जबकि कई होटलों की एनओसी की अवधि समाप्त हो चुकी है और उन्होंने नवीनीकरण नहीं कराया।
किन जिलों के होटल शामिल?
नोटिस प्राप्त करने वाले 114 होटलों में नैनीताल जिले के सबसे ज्यादा 68 होटल शामिल हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा के 32, पिथौरागढ़ के 12 और चंपावत-बागेश्वर के 2 होटल हैं। बोर्ड ने इन होटलों का डेटा एकत्र कर उच्चाधिकारियों को भेज दिया है।
न करने पर होगी सख्त कार्रवाई
PCB ने स्पष्ट किया है कि यदि 15 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो संबंधित होटलों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और कुछ मामलों में संचालन पर रोक भी लगाई जा सकती है।
होटल मालिकों में हड़कंप, जानें क्या है मौजूदा स्थिति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस कार्रवाई के बाद होटल मालिकों में हड़कंप मच गया है। कई होटल मालिकों ने बोर्ड के नोटिस का जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि कुछ ने इसे अनुचित करार दिया है।
पर्यावरण सुरक्षा पर सख्ती, सरकार का कड़ा रुख
उत्तराखंड सरकार पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सख्त नजर आ रही है। यह कदम प्रदेश में पर्यटन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। पर्यावरणीय मानकों का पालन न करने वाले होटलों पर बोर्ड की नजर लगातार बनी रहेगी।
क्या हो सकते हैं नतीजे?
अगर होटल मालिक समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो उनकी लाइसेंसिंग और संचालन पर संकट आ सकता है। इससे पर्यटन उद्योग पर भी असर पड़ सकता है। राज्य सरकार का यह सख्त कदम पर्यावरण संरक्षण और नियमों के अनुपालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है