Uttar Pradesh में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था, तीन साल की सेवा और बेहतर वेतन

उत्तर प्रदेश सरकार ने Outsourced Employees के लिए नई नियमावली लागू की है। अब सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी तीन साल तक अपनी सेवा दे सकेंगे, जिसके बाद उनका contract renewal किया जा सकेगा। इससे पहले यह अवधि केवल एक साल थी।

वेतन और सुविधाओं में बड़ा बदलाव

Minimum Salary: अब कम से कम 20,000 रुपये प्रतिमाह, पहले 10,000 रुपये था।

PF और ESI: कर्मचारियों को वेतन के साथ Provident Fund (PF) और Employee State Insurance (ESI) की सुविधा भी मिलेगी।

महिला कर्मचारियों के लिए: मैटरनिटी लीव और आरक्षण के प्रावधान लागू।

अन्य आरक्षण: SC, ST, OBC, EWS, दिव्यांगजन और भूतपूर्व सैनिक को नियमानुसार लाभ मिलेगा।

चयन प्रक्रिया

Written Exam और Interview: आउटसोर्स कर्मचारियों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगा।

Training: समय-समय पर कर्मचारी की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण।

Death Benefit: सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर 15,000 रुपये अंतिम संस्कार सहायता।

नई व्यवस्था की विशेषताएं

कर्मचारी महीने में 26 दिन सेवा देंगे।

वेतन 1 से 5 तारीख तक सीधे बैंक खाते में।

EPF और ESI का अंशदान सीधे खातों में।

किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सेवा तुरंत समाप्त।

श्रेणियों के अनुसार न्यूनतम वेतन

श्रेणी 1: चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, वरिष्ठ अनुसंधान – 40,000 रुपये

श्रेणी 2: कार्यालय स्तर 2, लेखा, डाटा प्रोसेसिंग, शिक्षण, नर्सिंग, फार्मेसी – 25,000 रुपये

श्रेणी 3: कार्यालय स्तर 3, टंकण, फोटोग्राफी, इलेक्ट्रिशियन, पैरामेडिकल, वाहन संचालन – 22,000 रुपये

श्रेणी 4: लिफ्ट ऑपरेटर, अभिलेख, भंडारण, रंगरोगन, बागवानी, सुरक्षा आदि – 20,000 रुपये

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन

Purpose: कर्मचारियों के हित सुरक्षित करना और सेवाओं को पारदर्शी बनाना।

Structure: Section-8 Company, Public Limited, Non-Profit।

Board of Directors के तहत सलाहकार समिति और मॉनीटरिंग कमेटी (राज्य, मंडल, जिला, स्थानीय स्तर)।

कर्मचारियों के Basic Salary का 1% Service Charge निगम को दिया जाएगा, शेष राशि Welfare Fund में जमा।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

यह व्यवस्था existing regular posts पर लागू नहीं होगी।

वर्तमान कार्मिकों को सेवा में prioritize किया जाएगा।

अनुशासनहीनता या दंडनीय अपराध की स्थिति में निगम की सहमति से कर्मचारी को हटाया जा सकेगा।