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Government in action after Haridwar Stampede: 9 point safety plan prepared for temples of Uttarakhand
Haridwar Mansa Devi Temple Stampede के बाद उत्तराखंड सरकार ने तीर्थस्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 9-Point Master Plan तैयार करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami के आदेश पर यह योजना Tourism Department द्वारा जल्द ही लागू की जाएगी।
Chief Secretary RK Sudhanshu ने निर्देश दिए हैं कि सभी Major Temples in Uttarakhand के लिए Crowd Management और Public Infrastructure को सुधारने के लिए एक विस्तृत Roadmap तैयार किया जाए।
योजना के प्रमुख बिंदु
1. Modern Crowd Control Systems
भीड़भाड़ वाले सीज़न में तीर्थयात्रियों की संख्या को Scientific तरीके से Manage किया जाएगा। Carrying Capacity Assessment हर स्थल पर किया जाएगा।
2. Separate Entry and Exit Routes
श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही के लिए Entry और Exit पॉइंट अलग-अलग बनाए जाएंगे ताकि Congestion कम हो।
3. Dedicated Waiting Zones
मंदिरों के पास Waiting Areas बनाए जाएंगे ताकि भीड़ मंदिर के मुख्य परिसर तक न पहुंचे।
4. Emergency Evacuation Routes
संभावित आपात स्थितियों के लिए सभी मंदिरों में Emergency Exit Infrastructure स्थापित किया जाएगा।
5. Real-Time Information and Navigation System
Pilgrims को सही दिशा और जानकारी देने के लिए आधुनिक Information Kiosks और Signage Boards लगाए जाएंगे।
6. Better Parking & Transport Integration
यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर पार्किंग और शटल सेवा की व्यवस्था की जाएगी ताकि Temple Access आसान हो सके।
7. Deployment of Trained Security Personnel
हर तीर्थ स्थल पर पर्याप्त संख्या में Security Staff तैनात होंगे जो Crowd Handling में प्रशिक्षित होंगे।
8. Illegal Encroachment Removal
Pilgrimage Routes पर मौजूद सभी Encroachments हटाए जाएंगे ताकि Emergency Access सुनिश्चित हो सके।
9. Expert Surveys for High-Risk Temples
पहले चरण में मनसा देवी, चंडी देवी, नीलकंठ महादेव, कैंची धाम और पूर्णागिरि मंदिरों पर विशेषज्ञों द्वारा Crowd Safety Survey कराया जाएगा।
क्यों ज़रूरी था यह प्लान?
27 जुलाई 2024 को हरिद्वार के Mansa Devi Temple में भगदड़ में 8 लोगों की मौत और 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे। इससे पहले भी Har Ki Pauri 1996, Birla Ghat 2010, और Shantikunj 2011 Stampede जैसी घटनाएं उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा प्रणाली पर सवाल उठाती रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने इस घटना के बाद Haridwar का दौरा किया और अधिकारियों को तीर्थयात्रा को Safe & Streamlined बनाने के लिए नया मास्टर प्लान तैयार करने को कहा।
ज़मीनी कार्यान्वयन में क्या होगा?
Kumaon & Garhwal Commissioners को क्षेत्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया है।
Crowd Management और Civil Engineering में माहिर एक्सपर्ट्स इन मंदिरों का स्ट्रक्चरल और ऑपरेशनल ऑडिट करेंगे।
Encroachment हटाने और Emergency Preparedness बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए यह 9-Point Safety Framework एक अहम कदम है। इससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि Temple Tourism in Uttarakhand को भी नई दिशा मिलेगी।
सरकार का यह प्लान श्रद्धालुओं के लिए Safe Pilgrimage Experience देने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।