Cancer Survivor Turns Fitness Icon: Paras Bajaj of Uttarakhand created history by doing 220 KG deadlift
कैंसर से जंग जीतने के बाद भी हार नहीं मानी, और आज वह न सिर्फ़ ज़िंदा हैं, बल्कि फिटनेस की मिसाल भी बन चुके हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के सितारगंज के रहने वाले पारस बजाज की, जिन्होंने 18 साल की उम्र में कैंसर का सामना किया और अब 220 किलो डेडलिफ्ट कर सभी को चौंका रहे हैं।
स्कूल छोड़ा, फिटनेस को चुना
पारस ने 12वीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया था क्योंकि उनका सपना था—फिटनेस ट्रेनर बनना और खुद का Gym खोलना। इसके लिए उन्होंने दिल्ली जाकर ट्रेनिंग ली और सीखा कि फिटनेस सिर्फ़ शरीर नहीं, बल्कि अनुशासन और आत्मविश्वास भी है।
सपना पूरा होते ही जिंदगी ने लिया मोड़
सरकारी स्टार्टअप लोन से उन्होंने सितारगंज में अपना जिम शुरू किया, लेकिन दो महीने के अंदर ही उन्हें कैंसर का पता चला। फिर शुरू हुआ कीमोथेरेपी और सर्जरी का दर्दभरा सफर, जिसमें उन्होंने अपनी ताकत, मांसपेशियां और बाल सब कुछ खो दिया। लेकिन हिम्मत नहीं हारी।
30 अप्रैल 2024: नई शुरुआत का दिन
चंडीगढ़ में हुई सर्जरी के 12 दिन बाद, डॉक्टरों ने उन्हें बताया—“अब आप कैंसर मुक्त हैं”। और यहीं से पारस ने नई ज़िंदगी की शुरुआत की। सिर्फ डेढ़ महीने बाद ही वह अपने जिम लौटे और फिर से वेट ट्रेनिंग शुरू की।
अब 220 किलो Deadlift कर रहे हैं
आज पारस 220 KG डेडलिफ्ट कर सकते हैं और fitness community में एक प्रेरणा बन चुके हैं। उन्होंने Humans of Bombay को बताया: “कैंसर ने मेरा सपना नहीं छीना, बल्कि मुझे और मज़बूत बनाया। समय सब कुछ बदल सकता है, लेकिन इच्छाशक्ति से आप सबकुछ फिर से बना सकते हैं।”
सोशल मीडिया पर हुई सराहना
पारस की कहानी वायरल हो रही है। कमेंट सेक्शन में लोग उन्हें “रियल वॉरियर”, “प्रेरणा का स्रोत” और “जबरदस्त फाइटर” कह रहे हैं।
Paras Bajaj’s Journey from Cancer Fighter to Deadlift Hero is the Motivation We All Need!