“Trump का 26% Tariff: भारत के लिए क्या मायने रखता है?”

(1) ट्रंप के फैसले को ‘Liberation Day’ क्यों कहा गया?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को विदेशी वस्तुओं पर 10% से 49% तक का टैरिफ (Tariff) लगाने का फैसला किया, जिसे उन्होंने ‘Liberation Day’ करार दिया। इस निर्णय का सीधा असर भारत, चीन, यूरोपीय संघ (European Union), यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom), वियतनाम, ताइवान, जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर पड़ा है। भारत पर 26% और चीन पर 34% टैरिफ लगाया गया है।

(2) यह टैरिफ कब से लागू होगा?

यह टैरिफ 2 अप्रैल 2025 की आधी रात (American Time) से प्रभावी हो गया है। भारत में यह 3 अप्रैल की रात 9:30 बजे से लागू हुआ।

(3) अमेरिका ने यह टैरिफ क्यों लगाया?

‘Make America Great Again’ और ‘America First’ नीतियों के तहत यह निर्णय लिया गया। ट्रंप ने आरोप लगाया कि अन्य देश अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचे टैरिफ लगाते हैं, जिससे अमेरिका को आर्थिक नुकसान होता है। इसका उद्देश्य American Industries की रक्षा करना और Domestic Manufacturing को बढ़ावा देना है।

(4) ट्रंप का बयान और वैश्विक प्रतिक्रिया

ट्रंप ने घोषणा करते हुए कहा, “Today marks the rebirth of American industries.” इस फैसले की दुनियाभर में आलोचना हुई।

स्विट्जरलैंड (Switzerland) के Federal Council President Karin Keller-Sutter ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय कानून और मुक्त व्यापार का सम्मान महत्वपूर्ण है। हम अमेरिकी फैसले का मूल्यांकन कर रहे हैं और जल्द ही आगे के कदम उठाएंगे।”

नॉर्वे (Norway) की Trade Minister Cecilie Myrseth ने इस निर्णय को “Global Economy के लिए गंभीर” करार दिया और कहा, “यह European Union और नॉर्वे पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।”

ऑस्ट्रेलिया (Australia) के प्रधानमंत्री Anthony Albanese ने कहा, “यह किसी मित्र देश का कार्य नहीं है, लेकिन हम Tariff Race में शामिल नहीं होंगे।”

स्वीडन (Sweden) के प्रधानमंत्री Ulf Kristersson ने सोशल मीडिया पर लिखा, “स्वीडन मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए खड़ा रहेगा।”

(5) भारत और अन्य देशों पर इसका क्या प्रभाव होगा?

26% टैरिफ का सीधा असर भारतीय Exporters पर पड़ेगा, जिससे उनकी Competitiveness कमजोर होगी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताते हुए कहा, “भारत हमेशा से Free and Fair Trade का समर्थक रहा है। हम इस मामले पर उचित कदम उठाएंगे।”

(6) आगे का रास्ता: भारत क्या कर सकता है?

भारत को अपने Export और Trade Policies में बदलाव कर अमेरिका के साथ संतुलन बनाना होगा। अन्य देश भी American Tariffs के खिलाफ प्रतिक्रियात्मक कदम उठा सकते हैं।

(7) विशेषज्ञों की राय और विश्लेषण

वाणिज्य और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम Global Trade System को अस्थिर कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ डॉ. अरुण मेहता का कहना है, “इस निर्णय से भारतीय निर्यातकों को नुकसान होगा, खासकर वे जो American Market पर निर्भर हैं।” उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अपनी Export Strategy में विविधता लानी चाहिए।

भारत के पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, “यह केवल व्यापारिक नहीं बल्कि Diplomatic Challenge भी है। भारत को अमेरिका के साथ संबंध संतुलित करने होंगे।”

(8) निष्कर्ष: आगे क्या होगा?

अमेरिका का यह Tariff Decision वैश्विक व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। भारत और अन्य प्रभावित देशों के लिए चुनौती यह है कि वे कैसे स्थिति का सामना करेंगे और अपने Economic Interests की रक्षा करेंगे।