टनकपुर-बागेश्वर Rail Line को मिली हरी झंडी, उत्तराखंड को मिलेगी 170 KM लंबी नई रेल परियोजना

उत्तराखंड के लोगों के लिए Rail Connectivity से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्र सरकार ने राज्य में 170 किलोमीटर लंबी एक नई Railway Line के निर्माण पर काम शुरू करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। इस संबंध में केंद्र ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर औपचारिक सहमति (Formal Consent) मांगी है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह पत्र टनकपुर से बागेश्वर तक प्रस्तावित नई रेल लाइन के निर्माण के लिए भेजा गया है। इस कदम के बाद उम्मीद की जा रही है कि परियोजना पर ज़मीन पर काम जल्द शुरू हो जाएगा।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना को कुमाऊं क्षेत्र में Rail Infrastructure Development की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। लगभग 170 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन का अंतिम सर्वेक्षण (Final Survey) पूरा हो चुका है, और अब केंद्र सरकार ने राज्य से Formal Approval for Construction मांगा है।

राज्य सरकार की भी तैयारी पूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रस्ताव को लेकर गंभीरता दिखाई है। उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे सभी आवश्यक औपचारिकताएं (Necessary Formalities) शीघ्रता से पूरी करें, ताकि परियोजना पर कार्य जल्द शुरू हो सके। धामी ने कहा, “टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के लिए सभी औपचारिक प्रक्रियाएं तेज़ी से पूरी की जा रही हैं।”

उत्तराखंड के Rail Map में बदलाव तय

इस परियोजना के बाद, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में Enhanced Rail Connectivity सुनिश्चित हो सकेगी। गौरतलब है कि राज्य की एक और प्रमुख परियोजना – ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक की रेल लाइन – साल 2026 तक पूरी होने की संभावना है। ऐसे में, टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के निर्माण से कर्णप्रयाग और बागेश्वर के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और गढ़वाल तथा कुमाऊं को आपस में जोड़ने वाला एक मज़बूत रेलवे नेटवर्क तैयार हो सकेगा।

अगले Phase में और परियोजनाएं भी तैयार

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि देहरादून-सहारनपुर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी Rail Projects की Detailed Project Reports (DPRs) भी लगभग तैयार हैं। केंद्र सरकार की मंशा साफ है – उत्तराखंड को एक Strategic Railway Hub के रूप में विकसित करना।

धामी ने कहा, “Railway Ministry लगातार उत्तराखंड को Rail Connectivity में मज़बूती देने के लिए सहयोग कर रही है। आने वाले वर्षों में राज्य का Infrastructure Map पूरी तरह से बदल सकता है।”