Do Aankhen Baarah Haath: जब भारतीय सिनेमा ने इंसानियत और सुधार की नई परिभाषा लिखी
भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ फ़िल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं देतीं, बल्कि समाज की सोच और मानवीय भावनाओं को गहराई से झकझोरती हैं। ऐसी ही एक कालजयी फ़िल्म है V. Shantaram की ‘Do Aankhen Baarah Haath’ (1957) — जिसने न सिर्फ़ भारतीय फ़िल्म जगत…