Sikh Pilgrimage Ban: ननकाना साहिब यात्रा पर रोक से भड़के सिख संगठन, मोदी सरकार को चेतावनी

Nankana Sahib Yatra Ban: पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारा की यात्रा पर रोक लगाने के फैसले को लेकर केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा और अन्य सिख संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। सभा के महासचिव डॉ. कुशल सिंह ने कहा कि यह कदम अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों में दखल है और Article 25 का उल्लंघन करता है।

उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद से अब तक सिख श्रद्धालुओं को गुरुपर्व और अन्य अवसरों पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों में दर्शन की अनुमति मिलती रही है। यहां तक कि भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1984 के Operation Blue Star के दौरान भी ननकाना साहिब की यात्रा पर कभी रोक नहीं लगी थी।

“राजनीतिक फैसला, धार्मिक नहीं” – Sikh Organizations

प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. कुशल सिंह, जस्टिस रंजीत सिंह, गुरतेज सिंह और अन्य नेताओं ने कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय को कोई खतरा नहीं है। यह फैसला पूरी तरह राजनीतिक है और सिख संगठनों से बिना सलाह-मशविरा किए लिया गया है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार तुरंत यह प्रतिबंध हटाए और सिख श्रद्धालुओं को Nankana Sahib Yatra की अनुमति दे।

Kartarpur Corridor भी बंद, Sikh Groups ने जताई चिंता

नेताओं ने कहा कि पहले ही Kartarpur Corridor बंद है और अब ननकाना साहिब यात्रा पर रोक से लाखों श्रद्धालु निराश हैं। उन्होंने मोदी सरकार से अपील की कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को दोबारा खोला जाए और पाकिस्तान स्थित सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन की अनुमति दी जाए।

पाकिस्तान का रुख और Guru Nanak Dev Ji की स्मृति

पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PSGPC) और Evacuee Trust Property Board (ETPB) ने भारत सरकार से अपील की है कि 22 सितंबर को गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि पर करतारपुर साहिब में होने वाले स्मृति कार्यक्रम में भारतीय सिख श्रद्धालुओं को आने दिया जाए।
पीएसजीपीसी अध्यक्ष Sardar Ramesh Singh Arora ने दावा किया कि पहलगाम हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारतीय श्रद्धालु धार्मिक यात्राओं से वंचित हो रहे हैं।

70 साल में पहली बार ननकाना साहिब यात्रा पर रोक ने भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्राओं को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। सिख संगठन इसे Sikh Religious Rights Violation बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सरकार तुरंत इस फैसले को वापस ले।