Ceasefire पर बोले Shahbaz Sharif, पर क्या वाकई बदले हैं Pakistan के इरादे?

 वो Pakistan जो हाल ही में LOC पर ceasefire violation और drone infiltration जैसी गतिविधियों में लिप्त था, अब अचानक peace initiative की बातें कर रहा है। Prime Minister Shahbaz Sharif ने शुक्रवार को एक पोस्ट में कहा कि भारत-पाक संघर्ष विराम (Ceasefire) समाधान की नई शुरुआत है।

Sharif ने अपने पोस्ट में US President Donald Trump, Vice President JD Vance और Secretary of State Marco Rubio का भी शुक्रिया अदा किया और कहा कि America की सक्रिय भूमिका के कारण ही यह समझौता संभव हो सका है।

Pakistan के बदले सुर: क्या ये नई रणनीति है या मजबूरी?

जिस पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकवाद को Strategy की तरह इस्तेमाल किया, वही अब खुद को South Asia Peace Contributor बताने में जुटा है। LOC पर गोलीबारी और Drone के ज़रिए की गई घुसपैठ के चंद घंटे बाद ही अब Pakistan “शांति” का गीत गा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह पाकिस्तान की पुरानी नीति रही है—पहले तनाव बढ़ाओ, फिर खुद को शांति-प्रिय दिखाओ। सवाल यह है कि क्या इस बार पाकिस्तान वाकई गंभीर है?

US Mediation Claim पर फिर छिड़ा विवाद

Sharif ने जहां अमेरिका को मध्यस्थ बताया, वहीं US Secretary Marco Rubio ने खुलासा किया कि पिछले 48 घंटे में अमेरिका ने Modi, Jaishankar, Ajit Doval और Pak Army Chief Asim Munir से बात कराई थी। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश अब बातचीत के लिए भी राज़ी हो गए हैं।

लेकिन भारत सरकार ने इस दावे को सीधे खारिज कर दिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय bilateral talks का नतीजा है, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का।

भारत ने कहा– No Third-Party Talks, सिर्फ Direct Communication

भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया कि Pakistan की तरफ से DGMO level पर कॉल आने के बाद दोनों देशों ने ground, air और maritime borders पर फायरिंग रोकने पर सहमति जताई थी। इसके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर, किसी भी देश में कोई बातचीत तय नहीं हुई है।

Final Analysis: क्या Pakistan की Peace Talk पर भरोसा किया जा सकता है?

भारत जहां Strategic Patience के साथ आगे बढ़ रहा है, वहीं Pakistan एक बार फिर अपनी छवि को सुधारने की कोशिश में लगा है। मगर इतिहास गवाह है कि Islamabad की peace overtures अक्सर Temporary होते हैं।