Satyapal Malik Death: From student union to governor – such was his journey
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और सोमवार दोपहर 1:12 बजे दिल्ली के RML Hospital में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके करीबी सहयोगी कंवर सिंह राणा ने इस खबर की पुष्टि की है। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक मुखर और विचारशील आवाज शांत हो गई है।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत से लेकर राज्यपाल बनने तक का सफर
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसावदा गांव में जन्मे सत्यपाल मलिक ने 1965 में छात्र राजनीति के माध्यम से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। मेरठ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे 1966-67 में पहले छात्रसंघ अध्यक्ष बने।
इसके बाद उनका राजनीतिक सफर कई दलों और जिम्मेदारियों के साथ आगे बढ़ता गया:
वर्ष भूमिका
1974 विधायक, बागपत (BKD से)
1980 राज्यसभा सदस्य (Lok Dal से)
1986 राज्यसभा सदस्य (कांग्रेस से)
1989 सांसद, अलीगढ़ (Janata Dal से)
1990 केंद्रीय राज्य मंत्री
2004 भाजपा में शामिल, बागपत से चुनाव लड़ा
2017 राज्यपाल, बिहार
2018 राज्यपाल, जम्मू-कश्मीर
एक विचारशील और साहसी राजनेता
Satyapal Malik Political Journey बहुत ही विविधतापूर्ण रहा। उन्होंने BKD, Congress, Janata Dal और BJP जैसे बड़े राजनीतिक दलों के साथ काम किया। वे हमेशा अपनी बेबाक राय और Public-Centric Views के लिए जाने जाते थे।
2018 में जब उन्हें Governor of Jammu and Kashmir नियुक्त किया गया, उस समय राज्य राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहा था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले और बाद की परिस्थितियों में उनकी भूमिका और बयान काफी चर्चा में रहे।