Reference Image- Roar for change: Prashant Kishor is back in the field, Bihar Badlav Yatra will begin from May 20
जन सुराज अभियान के संस्थापक Prashant Kishor एक बार फिर बिहार की जनता के बीच उतरने को तैयार हैं। वे 20 मई 2025 से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत होगी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताबदियारा से।
बदलाव की जड़ में JP का विचार
प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि यह यात्रा बिहार की मौजूदा राजनीति और प्रशासन की असलियत को सामने लाने का प्रयास है। JP Movement की भावना को दोबारा जीवित करने के उद्देश्य से वे उसी जगह से यात्रा शुरू कर रहे हैं, जहां से कभी लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था।
प्रेस वार्ता में PK ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में Caste Census, Land Survey और Dalit-Mahadalit development जैसे मुद्दों पर केवल दिखावा हुआ है। सरकार ने इन तीनों विषयों पर जनता के साथ सिर्फ धोखा किया है।”
Raghopur बना राजनीतिक कटाक्ष का केंद्र
प्रशांत किशोर ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “आज भी राघोपुर जैसे विधानसभा क्षेत्र में, जहां से तेजस्वी जी चुनाव जीतते हैं, वहां के लोग छह महीने नाव से यात्रा करते हैं। महिलाओं को प्रसव के लिए Peepal bridge का सहारा लेना पड़ता है। अगर पूरे देश में CM और Deputy CM के निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना की जाए, तो Raghopur सबसे पिछड़ा इलाका नजर आएगा।”
‘Bihar Politics’ पर तीखा हमला
PK ने कहा, “पिछले 35 सालों से खुद को JP के अनुयायी कहने वाले नेताओं की सरकार रही है, लेकिन उन्होंने सिर्फ System को Corrupt किया है, सुधार नहीं। अब वक्त है कि Political change सिर्फ नारों से नहीं, ज़मीनी स्तर पर हो।”
Congress पर भी कसा तंज
तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने पर विपक्ष में चल रही खींचतान पर PK ने कहा, “Congress सिर्फ RJD की झोला उठाने वाली पार्टी बन गई है। उसकी बिहार में कोई राजनीतिक औकात नहीं है। जो थोड़ी बहुत सीटें मिल जाएं, उसी के लिए वो सारे समझौते कर रही है।”
Prashant Kishor की Bihar Badlav Yatra बिहार की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर सकती है। यह यात्रा न सिर्फ सत्ता पक्ष को बल्कि विपक्ष को भी कठघरे में खड़ा कर रही है। सिताबदियारा से शुरू होकर यह यात्रा राज्य के हर कोने में Policy failure, development lag और social justice issues को उजागर करेगी।
क्या यह यात्रा बिहार की राजनीतिक दिशा बदल पाएगी? ये देखना दिलचस्प होगा।