उत्तर प्रदेश में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी, 22 जनपद प्रभावित, राहत कार्य तेज

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बाढ़ (Flood) की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर राहत और बचाव कार्य (Relief and Rescue Operations) को युद्धस्तर पर सक्रिय कर दिया है। वर्तमान में प्रदेश के 22 जनपदों (Districts) की 48 तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें कुल 589 ग्राम (Villages) जलमग्न हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को तेजी से संचालित कर रहा है।

11 मंत्रियों की विशेष टीम राहत कार्यों की देखरेख में

बाढ़ से अधिक प्रभावित 12 जनपदों में राहत कार्यों की प्रभावी निगरानी के लिए 11 मंत्रियों को प्रभारी नियुक्त किया गया है। इस विशेष टीम-11 का उद्देश्य प्रभावित परिवारों तक त्वरित सहायता पहुंचाना और राहत शिविरों का नियमित निरीक्षण करना है। प्रभारी मंत्री प्रभावितों से संवाद कर उनकी समस्याओं के समाधान हेतु प्रयासरत हैं।

राहत कोष और संसाधनों का प्रबंध

अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में 60.76 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। प्रदेश भर में 1,617 बाढ़ चौकियां और 1,222 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं, जहाँ 85,437 प्रभावित लोगों को आश्रय मिला है।

चिकित्सा एवं खाद्य सहायता

जलजनित रोगों से बचाव के लिए 1,124 मेडिकल टीमें तैनात हैं। 5,83,758 क्लोरीन टैबलेट्स और 2,88,860 ओआरएस पैकेट्स वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 84,110 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत खाद्यान्न के रूप में 67,109 पैकेट और 7,99,734 लंच पैकेट्स का वितरण किया गया है।

क्षतिग्रस्त मकानों और पशु सहायता
अब तक 573 मकान बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 486 मकानों के लिए राहत राशि वितरित की जा चुकी है। प्रभावित 84,700 पशुओं के लिए 11,640 क्विंटल भूसा भी बांटा गया है।

बचाव कार्य में तैनात बल

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 16 टीमें, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 15 टीमें और प्रांतीय रक्षक दल (PAC) की 495 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जो लगातार राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री की सतत निगरानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रभावित लोगों को तत्काल हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जाए तथा राहत कार्यों में कोई लापरवाही न हो।