उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियाँ जोर-शोर से शुरू हो गई हैं और इस बार यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को होगी। यात्रा के पहले महीने में वीआईपी दर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। यह निर्णय धामी सरकार ने लिया है, जिसे लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र भेजा है।
मुख्य बिंदु:
- चारधाम यात्रा के पहले महीने में वीआईपी दर्शन पर रोक।
- वीआईपी श्रद्धालुओं को प्रोटोकॉल की सुविधा नहीं मिलेगी।
- बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे।
- गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुलेंगे।
वीआईपी श्रद्धालुओं को प्रोटोकॉल नहीं मिलेगा: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि चारधाम यात्रा के पहले महीने में कोई भी वीआईपी श्रद्धालु दर्शन के लिए आएगा तो उसे आम श्रद्धालु की तरह ही दर्शन करने होंगे। इस अवधि के दौरान वीआईपी श्रद्धालुओं को कोई भी प्रोटोकॉल नहीं दिया जाएगा।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि: इस साल, बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई, 2025 को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया (22 अप्रैल 2025) के अवसर पर खुलेंगे, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा।
चारधाम यात्रा का महत्व: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, और लाखों श्रद्धालु हर साल इन पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं। सरकार का यह कदम यात्रा की शुरुआत से पहले व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके और भीड़-भाड़ से बचा जा सके।
यह निर्णय खासतौर पर राज्य और देश के बाहर से आने वाले वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो पहले महीने में आम श्रद्धालुओं की तरह ही दर्शन करेंगे।