निधि तिवारी के नए सफर की शुरुआत: जानिए उनके पीएम मोदी के निजी सचिव बनने के पीछे की कहानी

वाराणसी की आईएफएस अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थीं।

निधि तिवारी की सफलता की कहानी और नई जिम्मेदारी

29 मार्च 2025 को विभागीय आदेश के तहत, 2014 बैच की विदेश सेवा अधिकारी निधि तिवारी को पीएम मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया। उनका ये पदोन्नति महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस नियुक्ति की घोषणा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग द्वारा की गई है।

निधि तिवारी इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में डिप्टी सेक्रेटरी के तौर पर कार्य कर चुकी हैं, और अब प्रधानमंत्री के निजी सचिव के रूप में उनके कर्तव्यों में पीएम मोदी के कार्यक्रमों का समन्वय, बैठकों का आयोजन, और सरकारी विभागों के साथ संपर्क शामिल होंगे।

PMO में महिला अधिकारियों की बढ़ती भूमिका: निधि तिवारी की नियुक्ति से क्या संदेश मिलता है?

निधि तिवारी का कार्यक्षेत्र न केवल उनके पेशेवर कौशल को साबित करता है, बल्कि यह महिला सशक्तीकरण और कार्यस्थल पर समानता की दिशा में भी एक सशक्त कदम है। प्रधानमंत्री कार्यालय में पहले भी कई महिला अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। निधि का प्रमोशन यह दर्शाता है कि महिला अधिकारियों को उच्च पदों पर नियुक्त किया जा रहा है, और उनका कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता को उचित सम्मान दिया जा रहा है।

निधि तिवारी की पदोन्नति: वाराणसी से एक नई पहचान

निधि तिवारी का पीएम मोदी के निजी सचिव के रूप में पदोन्नति उनके उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देती है। वाराणसी की निवासी निधि तिवारी ने अपनी मेहनत और निष्ठा से यह मुकाम हासिल किया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से होने के कारण निधि तिवारी की नियुक्ति को क्षेत्रीय दृष्टिकोण से भी महत्व दिया जा रहा है।

निधि तिवारी के कार्य और वेतन में बदलाव

निधि तिवारी का नया पद अत्यधिक जिम्मेदारी से भरा हुआ है। उनके वेतन का निर्धारण पे मैट्रिक्स स्तर 12 के हिसाब से किया जाएगा। यह उनके कार्य की महत्ता और प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

निधि तिवारी: एक नई लीडर के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के साथ

निधि तिवारी की यह नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह उन सभी महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो कार्यक्षेत्र में समान अवसर और न्याय की तलाश में हैं।