Reference Image-Uttarakhand High Court Transfer Order: Several judges transferred simultaneously, see full list
Nainital, Uttarakhand: जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव और सदस्यों के कथित अपहरण मामले पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लापता हुए पांच जिला पंचायत सदस्य कोर्ट में पेश हुए, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी बात सुनने से साफ इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “हम उनकी कहानी नहीं सुनना चाहते। उनके बयान पहले ही खंडित किए जा चुके हैं। यदि अपहरण हुआ ही नहीं तो पुलिस ने उन्हें कस्टडी में क्यों लिया?”
हाईकोर्ट क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा
सुनवाई के दौरान नैनीताल पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी और हाईकोर्ट के 500 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर सख्ती बरती। शहर प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कई स्थानों पर पुलिस पोस्ट तैनात किए।
अब तक की कार्रवाई का विवरण
उच्च न्यायालय ने डीएम और एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए कि वे मामले में अब तक की गई कार्रवाई का विस्तृत विवरण Affidavit के माध्यम से कोर्ट में पेश करें। सुनवाई में एसएसपी P.N. Meena ने कहा कि वायरल वीडियो में अपहरण करते हुए दिखाए गए सभी आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता Kapil Sibal के जूनियर वकील कामत ने री-पोलिंग की मांग की, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि फिलहाल यह सुनवाई केवल चुनाव के दिन हुई घटनाओं तक सीमित है।
वीडियो में सदस्यों ने कहा- हम सुरक्षित हैं
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक सदस्य कह रहा है कि “हम अपनी मर्जी से कहीं गए थे। अपहरण की अफवाह निराधार है। हम खुशहाल हैं और जल्द ही घर लौटेंगे।” इससे पहले सदस्य Dikar Mewadi ने भी ऐसा ही वीडियो जारी किया था।
जिला पंचायत के अधिवक्ता का इस्तीफा
जिला पंचायत के अधिवक्ता Ravindra Singh Bisht ने हाईकोर्ट में इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पत्र में लिखा कि 20 वर्षों से जिला पंचायत की ओर से न्यायालय में मुकदमों का संचालन कर रहे थे, लेकिन घटना ने जनता में भय पैदा किया, इसलिए वे पद छोड़ रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी ने मंदिर में अर्जी लगाई
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भाजपा प्रत्याशी Deepa Darmwal ने Golju Devta Temple में अर्जी लगाई। अर्जी में आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रत्याशी Pushpa Negi के पति Lakhan Negi और अन्य सदस्यों को अगवा कर उनके निर्वाचन प्रमाणपत्र छीन लिए।
हाईकोर्ट और प्रशासन अब मामले की विस्तृत जांच कर उचित कार्रवाई करने के लिए सक्रिय हैं।