Max Falls into Gorge in Pithoragarh: Life lost in a 150 feet deep gorge, read the full story of the tragic accident
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मंगलवार शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे (road accident) ने पूरे बोकटा गांव को शोक में डुबो दिया। Pithoragarh-Thal मोटर मार्ग पर मुवानी के पास एक मैक्स वाहन 150 फीट गहरी खाई में गिर गया, जिसमें 8 लोगों की मौत और 6 गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे में जान गंवाने वालों में दो सगी बहनें और कुल तीन छात्राएं भी शामिल हैं। मरने वाले सभी लोग बोकटा गांव के निवासी थे।
हादसे की पूरी घटना
शाम 5 बजे, मैक्स जीप मुवानी से बोकटा गांव की ओर जा रही थी।
भंडारीगांव पुल से आगे लगभग एक किलोमीटर दूर वाहन अनियंत्रित होकर 150 फीट नीचे बरसाती नाले में जा गिरा।
टक्कर इतनी भयानक थी कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और कई शव बाहर छिटक गए।
ग्रामीणों ने शुरू किया Rescue, 2 ने अस्पताल में तोड़ा दम
राहगीरों की सूचना पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और खाई में उतरकर rescue operation शुरू किया। पुलिस और एंबुलेंस को तुरंत बुलाया गया।
8 घायलों को बड़ी मुश्किल से सड़क तक लाया गया और मुवानी अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां 8 वर्षीय सिमरन और 40 वर्षीय चालक नरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया। शेष 6 घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया।
मृतकों की सूची (Pithoragarh Accident Victims):
सिमरन (8) पुत्री कुंदन सिंह
तनुजा (14) पुत्री चंद्र सिंह
विनीता (15) पुत्री चंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह (40) चालक, पुत्र चंद्र सिंह
राजेंद्र सिंह (60) पुत्र किशन सिंह
होशियार सिंह (65) पुत्र भीम सिंह
शांति देवी (50) पत्नी केशव राम
दीक्षा (26) पत्नी पंकज बोरा (निवासी चंडाक, पिथौरागढ़)
घायल यात्रियों की सूची:
विनीता (20) पुत्री बहादुर सिंह
योगेश कुमार पुत्र किशन राम
श्याम सिंह मुनौला (35)
दीवान सिंह (55)
सुमित सिंह (22)
पूजा मुनौला (30) पत्नी कुंदन सिंह
CM और PM ने जताया दुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर हादसे को “अत्यंत दु:खद” बताते हुए शोक संवेदना प्रकट की। उन्होंने लिखा:
“ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति दें। सभी घायलों के उचित इलाज के निर्देश दिए गए हैं।”
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, स्टेयरिंग लॉक बनी वजह?
DM विनोद गोस्वामी ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण steering lock बताया जा रहा है।
आपातकालीन कोर कमेटी की बैठक में डीएम ने पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभागों को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि राज्य की सड़क सुरक्षा और ग्रामीण इलाकों में ट्रांसपोर्ट निगरानी पर गहरे सवाल छोड़ गया है। प्रशासन की तत्परता और स्थानीय लोगों की मदद ने कुछ जिंदगियां बचाईं, लेकिन आठ परिवारों को यह कभी ना भर पाने वाला ज़ख्म दे गया।
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