LPG Crisis Alert: सिर्फ 16 दिन का स्टॉक! इजरायल-ईरान युद्ध से भारत की रसोई पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध के तनाव का असर अब भारत की रसोई तक पहुंचता दिख रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि वेस्ट एशिया में हालात और बिगड़ते हैं, तो भारत में LPG गैस की भारी किल्लत हो सकती है। इसका सीधा असर आम घरों पर पड़ेगा, क्योंकि देश के 66% से ज्यादा LPG सिलेंडर आयातित होते हैं – और वो भी ज्यादातर पश्चिम एशियाई देशों से।

 अमेरिका-ईरान टकराव बना बड़ा खतरा

हाल में ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों ने संकट को और गहरा कर दिया है। तेल उत्पादक देशों की सप्लाई चेन पर खतरा मंडराने लगा है, खासकर LPG के मामले में। जहां कच्चे तेल और पेट्रोल-डीजल के विकल्प मौजूद हैं, वहीं एलपीजी सबसे ज्यादा vulnerable fuel बन गई है।

 दोगुनी खपत, बढ़ी विदेशों पर निर्भरता

पिछले 10 वर्षों में भारत में LPG की मांग दोगुनी हो गई है। आज यह करीब 33 करोड़ घरों की प्राथमिक जरूरत है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि भारत अपनी LPG खपत का लगभग दो-तिहाई हिस्सा आयात करता है, जिसमें से 95% सप्लाई सऊदी अरब, UAE और कतर से आती है।

 सिर्फ 16 दिन का भंडारण!

Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास जितनी LPG स्टोरेज कैपेसिटी है, वो सिर्फ 16 दिनों की औसत राष्ट्रीय खपत के लिए ही पर्याप्त है। यानी अगर सप्लाई अचानक रुकती है, तो दो हफ्तों के अंदर देश में LPG गैस संकट उत्पन्न हो सकता है।

 पेट्रोल-डीजल की स्थिति बेहतर

LPG के मुकाबले भारत की स्थिति पेट्रोल और डीजल में काफी बेहतर है। भारत इनका शुद्ध निर्यातक है और जरूरत पड़ने पर निर्यात को घरेलू जरूरतों के लिए मोड़ा जा सकता है। वहीं कच्चे तेल के भंडार 25 दिन तक रिफाइनरियों को चला सकते हैं।

 विकल्प मौजूद लेकिन मुश्किल

LPG के विकल्प जैसे अमेरिका, यूरोप, मलेशिया या अफ्रीका से गैस मंगाई जा सकती है, लेकिन इसमें समय ज्यादा लगेगा और लॉजिस्टिक्स महंगे होंगे। वहीं पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) अभी सिर्फ 1.5 करोड़ घरों तक ही पहुंची है – जो 33 करोड़ LPG उपभोक्ताओं के सामने ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है।

बिजली ही बनेगी सहारा

LPG संकट की स्थिति में, शहरों में खाना पकाने का एकमात्र व्यवहारिक विकल्प इलेक्ट्रिक कुकिंग ही बचता है, क्योंकि केरोसिन की सप्लाई पहले ही बंद की जा चुकी है।

 क्या कीमतें बढ़ेंगी?

फिलहाल अधिकारियों का मानना है कि तेल की कीमतों में अस्थायी उछाल आ सकता है, लेकिन LPG या पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में अभी कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा। सरकारी ऑयल कंपनियां लगभग तीन साल से रेट स्थिर रखे हुए हैं।

 आज के प्रमुख शहरों में LPG की कीमत (14.2 kg सिलेंडर)
दिल्ली: ₹853

मुंबई: ₹852.5

पटना: ₹942.5

लखनऊ: ₹890.5

जयपुर: ₹856.5

हैदराबाद: ₹905

बेंगलुरु: ₹855.5

वाराणसी: ₹916.5

गाजियाबाद: ₹850.5

इजरायल-ईरान संघर्ष का असर सिर्फ कूटनीति या तेल के बाजारों तक सीमित नहीं है। यह भारत जैसे देश की रसोई तक पहुंच चुका है। LPG Crisis in India की आहट नीति निर्माताओं और आम उपभोक्ताओं – दोनों के लिए चेतावनी है कि विकल्पों की तलाश और ऊर्जा सुरक्षा की रणनीति पर अब देर नहीं की जा सकती।