S. Jaishankar's big revelation on India-Pakistan clash after Operation Sindoor!
हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की अनदेखी का बेबुनियाद आरोप लगाया। हालांकि, सच्चाई यह है कि खुद पाकिस्तान में हिंदू, सिख, ईसाई और अहमदिया जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय है। उनके धार्मिक स्थलों पर हमले, जबरन धर्मांतरण और उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं।
जयशंकर की तीखी प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बदहाल स्थिति का जिक्र किया, जिससे पाकिस्तान बौखला गया। जयशंकर ने साफ कहा कि एक कट्टरपंथी मानसिकता वाले देश की सोच बदलना संभव नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी पाकिस्तान की कट्टरता को नहीं बदल सकीं।
अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान की हिंसा
जयशंकर ने लोकसभा में बताया कि फरवरी माह में पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार के 10 मामले, सिखों के उत्पीड़न के 2 मामले और ईसाई समुदाय पर हमले का 1 मामला दर्ज हुआ। अपहरण, जबरन धर्मांतरण और धार्मिक स्थलों पर हमलों की घटनाएं आम हैं। अहमदिया समुदाय पर अत्याचार के भी मामले सामने आए।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आक्रामक कूटनीति
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर कड़ी नजर रखता है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से उठाता है। संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक मंचों पर भारत ने पाकिस्तान के दोहरे मापदंडों को उजागर किया है।
विचारधारा:
पाकिस्तान अपने देश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर पर्दा डालने के लिए भारत पर झूठे आरोप लगाता है। लेकिन भारत की कूटनीति ने बार-बार दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खोली है। यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान को पहले अपने घर की हालत सुधारनी चाहिए, बजाय दूसरों पर उंगली उठाने के।