“क्या आपकी Balcony भी है कबूतरों की आरामगाह? जानिए इसका खतरनाक असर”
Pigeon Feeding से Delhi में बढ़ रही हैं Respiratory Diseases, Experts ने दी चेतावनी
अगर आपकी भी balcony में कबूतर रोज़ आते हैं और आप उन्हें दाना डालते हैं, तो यह खबर आपके लिए अलार्म बेल से कम नहीं है। दिल्ली में pigeon feeding की आदत अब गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही है, और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है।
डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कबूतरों की बीट और पंखों से जो बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं, वे respiratory infections का कारण बनते हैं — खासकर Psittacosis नाम की एक बीमारी, जिसे pigeon disease भी कहा जा रहा है।
Psittacosis: एक Hidden Threat जो कबूतरों से फैलता है
Psittacosis एक bacterial infection है जो Chlamydia psittaci नामक बैक्टीरिया से फैलती है। यह बैक्टीरिया कबूतरों की बीट, सूखे पंखों और उनके respiratory secretions में पाया जाता है। जब यह सूखे रूप में हवा में उड़ता है और सांस के जरिए शरीर में जाता है, तो यह धीरे-धीरे शरीर के अंगों को संक्रमित करने लगता है।
डॉ. राहुल शर्मा, Fortis Hospital के Pulmonologist और Critical Care Expert के अनुसार, अगर बीमारी का इलाज सही समय पर न हो, तो यह जानलेवा pneumonia में बदल सकती है। इसके लक्षण Covid-like symptoms जैसे हैं — जैसे बुखार, खांसी, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ।
सिर्फ Psittacosis ही नहीं, कबूतर फैला सकते हैं ये बीमारियां भी
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Hypersensitivity Pneumonitis (HP):
Dr. Ashwani Goel (Former President, Delhi Medical Association) का कहना है कि यह बीमारी फेफड़ों में सूजन और सांस लेने की समस्या पैदा करती है। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
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Cryptococcosis:
एक fungal infection जो फेफड़ों के बाद दिमाग तक भी पहुंच सकती है। -
Histoplasmosis:
कबूतर की बीट से फैलने वाला संक्रमण जो बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है।
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Common Symptoms (सामान्य लक्षण)
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तेज बुखार
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सूखी खांसी
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सांस की तकलीफ
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थकान और कमजोरी
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फेफड़ों में सूजन
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सिरदर्द
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Atypical Pneumonia
Prevention Tips: Pigeon-Related Infections से कैसे बचें
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Pigeons को घर की बालकनी या public places पर दाना डालने से बचें।
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कबूतरों की बीट साफ करते समय mask और gloves का इस्तेमाल करें।
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बच्चों को कबूतरों के संपर्क से दूर रखें।
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घर की खिड़की-बालकनी में कबूतरों को घोंसला न बनाने दें।
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Regular cleaning और hygiene बनाए रखें।