Is it necessary to change one's name to become a Hindu? Baba Bageshwar's Mahant gave a heart touching answer
उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र बागेश्वर धाम के महंथ धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में महंथ और पाकिस्तान में जन्मे मोहम्मद आरिफ अजाकिया के बीच सवाल-जवाब का संवाद दिखाया गया है, जो ब्रिटेन में आयोजित एक कार्यक्रम का बताया जा रहा है। इस वीडियो में अजाकिया ने अपने हिंदू धर्म में विश्वास और नाम बदलने को लेकर सवाल किए, जिनका महंथ ने बेहद मार्मिक और सोचने पर मजबूर कर देने वाला जवाब दिया।
आरिफ अजाकिया का सवाल — नाम बदले बिना क्या हिंदू रह सकते हैं?
वीडियो में आरिफ अजाकिया ने बताया कि उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ, लेकिन उनके माता-पिता भारत में जन्मे थे और 1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान आ गए। उन्होंने कहा कि वे एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए, लेकिन भगवद् गीता पढ़कर हिंदू हो गए। वे अक्सर यह सवाल सुनते हैं कि क्या हिंदू बनने के लिए नाम बदलना ज़रूरी है? उन्हें नाम बदलने में आने वाली कठिनाइयों का भी जिक्र करते हुए पूछा कि क्या नाम न बदलने पर हिंदू माना नहीं जाएगा? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल से कोई हिंदुस्तानी है, तो जन्म स्थान मायने नहीं रखता।
महंथ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिल को छू लेने वाला जवाब
महंथ ने जवाब दिया कि हिंदुत्व कोई धर्म नहीं, बल्कि मानवता की एक विचारधारा है। यह विचारधारा न किसी के रंग, रूप या देश को देखती है। अगर कोई भगवद् गीता का अनुसरण करता है, तो उसका नाम या पहचान कुछ भी हो, वह हिंदू ही है। उन्होंने कहा कि हम रहीम और रसखान जैसे कवियों के गीत भी गाते हैं और देश की बात आते ही डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को सलाम करते हैं।
महंथ ने आगे कहा, “अगर आपने खुद को हिंदू मान लिया, तो हमारे लिए यही काफी है। नाम बदलना जरूरी नहीं, जब दिल बदल जाता है तो इंसान हमारा हो जाता है।” उन्होंने पाकिस्तान को भी भारत का ही हिस्सा बताते हुए कहा कि “1947 से पहले हम सब एक थे, बंटवारे के बाद भले दीवारें बनीं, लेकिन दिलों में हम अभी भी एक हैं।”