क्या है नया नियम, कौन होंगे लाभार्थी?
उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए सेवाकाल में एक बार पदोन्नति में शिथिलीकरण (रिलेक्सेशन) की सुविधा देने का बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 3 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी थी, जिसके बाद अब नियमावली को अंतिम रूप देकर लागू कर दिया गया है।
कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी
राज्य कर्मचारी संगठनों की ओर से इस फैसले का जोरदार स्वागत किया गया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि वर्षों से लंबित मांग आखिरकार पूरी हो गई। इस नियमावली के तहत हजारों राज्य कर्मचारियों को उनके सेवाकाल में एक बार पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ मिलेगा, जिससे उनके करियर में नए अवसर खुलेंगे।
कैसे होगा शिथिलीकरण का लाभ?
नियमावली के अनुसार, जिन कर्मचारियों को किसी कारणवश पदोन्नति में देरी का सामना करना पड़ा, उन्हें सेवाकाल में एक बार पदोन्नति के लिए शिथिलीकरण का लाभ मिलेगा। यह सुविधा विशेष परिस्थितियों में दी जाएगी, जिससे कर्मचारियों को उनके योगदान के आधार पर सम्मानित किया जा सके।
कर्मचारी संगठनों ने जताया आभार
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा शुक्रवार को जारी की गई नियमावली के बाद राज्य कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। अरुण पांडे और शक्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि यह संघर्ष लंबे समय से जारी था, और मौखिक सहमति एक साल पहले मिल चुकी थी, लेकिन अब इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
क्या कहती है सरकार?
सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके करियर ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इससे कर्मचारियों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा।
क्या होगा प्रभाव?
इस फैसले से राज्य सरकार के हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इसे राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी हितैषी कदम माना जा रहा है, जो कर्मचारियों को प्रोत्साहन और सशक्तिकरण प्रदान करेगा।