Foreign Delegation Row’: कांग्रेस के आरोपों को केंद्र ने किया खारिज, रिजिजू बोले- शिष्टाचारवश दी गई थी जानकारी

Operation Sindoor के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को कड़ा संदेश देने के लिए सात सर्वदलीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। लेकिन इस मिशन को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के आरोपों पर केंद्र ने सफाई देते हुए कहा है कि विपक्ष से नाम नहीं मांगे गए थे, बल्कि केवल शिष्टाचारवश सूचना दी गई थी।

 कांग्रेस का आरोप: नाम मांगे और फिर खारिज कर दिए

कांग्रेस का दावा है कि सरकार ने विपक्ष से चार नाम मांगे लेकिन उनमें से तीन को खारिज कर दिया गया। राहुल गांधी की ओर से गौरव गोगोई, आनंद शर्मा, राजा वड़िंग और सैयद नसीर हुसैन के नाम प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से सिर्फ आनंद शर्मा को ही मंजूरी मिली।

 सरकार की सफाई: शिष्टाचार के तहत सूचना दी गई, प्रक्रिया में नहीं मांगे नाम

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विवाद पर कहा, “हमने विपक्ष से कोई नाम नहीं मांगे, केवल शिष्टाचार के तहत राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित किया गया।” उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के लिए योग्यता आधारित चयन किया गया और कांग्रेस नेताओं की नाराजगी दुर्भाग्यपूर्ण है।

 ‘योग्यता के आधार पर चुना’, थरूर और तिवारी पर जताया भरोसा

रिजिजू ने कहा, “कांग्रेस खुद थरूर को विदेश मामलों की स्थायी समिति का अध्यक्ष बना चुकी है, फिर आज उनके नाम पर सवाल क्यों?” उन्होंने मनीष तिवारी और सलमान खुर्शीद जैसे नामों का भी हवाला देते हुए कहा कि यह चयन विपक्ष को नीचा दिखाने के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हित में उपयुक्त चेहरों के आधार पर किया गया है।

 कांग्रेस की आपत्ति: थरूर को ‘पार्टी लाइन से हटकर बयान’ देने पर चुना गया

कांग्रेस का कहना है कि थरूर को इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का समर्थन किया था। जब पार्टी अमेरिकी भूमिका को निशाने पर ले रही थी, तब थरूर ने इसे “एक गर्वित भारतीय की प्रतिक्रिया” बताया था। इसी कारण राहुल गांधी ने उन्हें अपनी नामों की सूची से हटा दिया था।

 अमित मालवीय के गंभीर आरोप

भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने इस विवाद में और आग लगाते हुए कहा कि सैयद नसीर हुसैन के समर्थन में “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाने वाले तीन लोग गिरफ्तार किए गए थे। उन्होंने गौरव गोगोई पर भी सवाल उठाए कि वे 15 दिन पाकिस्तान में बिता चुके हैं और उनकी पत्नी एक ऐसे NGO से जुड़ी हैं जो पाकिस्तान केंद्रित है।

 थरूर के नेतृत्व में अमेरिका-लैटिन अमेरिका मिशन

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में जो प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, ब्राज़ील, गुयाना और कोलंबिया जाएगा, उसमें भाजपा के तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कलिता, शशांक मणि त्रिपाठी, एलजेपी की शांभवी, झामुमो के सरफराज अहमद, टीडीपी के हरीश बालयोगी, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा और पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं।