Dharali disasteUttarkashi disaster update: Situation critical even after seven days of devastation in Kheer Gangar update: Cadaver dogs gave indications at 8 places, water came out during digging, now ground scanning is being done with GPR
उत्तराखंड के धराली में NDRF cadaver dogs ने ग्राउंड जीरो पर आठ स्थानों पर शवों की मौजूदगी का संकेत दिया है। जब वहाँ खोदाई शुरू हुई, तो मलबे के नीचे से पानी निकलने के कारण राहत कार्य थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा। अब एनडीआरएफ ने इस क्षेत्र में Ground Penetrating Radar (GPR) scanning का सहारा लिया है, ताकि मलबे में दबे भवनों और शवों का सटीक पता लगाया जा सके।
कैडेवर डॉग्स की भूमिका और खोज अभियान की स्थिति
धराली में फंसे लोगों को निकालने का पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है। अब पुलिस और अन्य एजेंसियाँ दूसरे चरण में शवों की तलाश में लगी हैं। एनडीआरएफ ने दो विशेष प्रशिक्षित कैडेवर डॉग्स तैनात किए थे, जो लगातार मलबे में सूंघकर मृतक स्थानों का पता लगा रहे हैं। रविवार को इन डॉग्स ने आठ प्रमुख जगहों पर संकेत दिए।
खोदाई में आई समस्या और जीपीआर की मदद
जब एनडीआरएफ ने डॉग्स के संकेतित स्थानों पर खोदाई शुरू की, तो पानी निकलने के कारण कार्य बाधित हुआ। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर भी एक स्थान पर खोदाई की गई, जहाँ एक वीडियो में लोग भागते दिख रहे थे, लेकिन वहां भी पानी ने काम को सीमित कर दिया।
डीआईजी एनडीआरएफ गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि अब GPR technology से भूमि के अंदर की स्कैनिंग हो रही है। यह रडार तरंगों की मदद से मलबे में दबे किसी भी संरचना का पता लगाता है। इससे जहाँ सही संकेत मिलेंगे, वहाँ ही खोदाई की जाएगी, जिससे समय की बचत होगी और कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
मैनुअल खोदाई जारी, मशीनों की पहुँच में दिक्कत
एनडीआरएफ ने पूरे प्रभावित क्षेत्र को अलग-अलग सेक्टरों में बांटकर खोज अभियान चलाया है। बड़े भारी उपकरणों को लेकर जगह-जगह पहुंचने में दिक्कत हो रही है, इसलिए ज्यादातर जगह मैन्युअल खोदाई की जा रही है।