देहरादून जल प्रलय: मदद के नाम पर चेक में गलती, पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ीं

देहरादून। 15 सितंबर को सहस्रधारा और मालदेवता में आई भीषण बारिश और जलप्रलय ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। अब तक इस आपदा में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोगों ने अपनों को खोया, जबकि कुछ ने अपने रोजगार और सपनों को पानी में बहते देखा। प्राकृतिक त्रासदी के बाद अब प्रशासन की लापरवाही ने भी प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ा दीं।

गलत और अधूरे चेक से बढ़ी परेशानी

सरकार ने प्रभावितों को आर्थिक मदद देने के लिए 1152 चेक जारी किए, जिनकी कुल राशि 1.21 करोड़ रुपये थी। इनमें से 975 चेक सामान्य अनुदान के, 35 पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन, 65 आंशिक क्षतिग्रस्त पक्के भवन, 27 आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे भवन, 2 अनुग्रह राशि और 45 कृषि अनुदान के लाभार्थियों के लिए थे।

लेकिन कई चेक में नाम गलत या अधूरे होने के कारण बैंकों ने भुगतान नहीं किया और चेक लौट गए। तहसीलदार सुरेंद्र देव के अनुसार, यह समस्या इसलिए हुई क्योंकि प्रशासन ने लाभार्थियों की सूची के नामों को बैंक रिकॉर्ड से मिलाए बिना चेक पर अंकित कर दिया था।

प्रशासन ने शुरू की नई प्रक्रिया

मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन ने नए चेक जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीएम सविन बंसल ने प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लाभार्थियों से बातचीत की और मुआवजा वितरण को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

डीएम और अफसरों का राहत कार्य

डीएम सविन बंसल और सीडीओ अभिनव शाह ने फुलेत में ग्रामीणों के साथ जमीन पर बैठकर सामूहिक भोजन किया। उन्होंने पीएमजीएसवाई और लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि मालदेवता-सेरकी सिल्ला-छमरौली-फुलेत मार्ग पर जेसीबी और पैकलाइन मशीन लगाकर सड़क जल्द सुचारू की जाए।

नुकसान का आकलन और राहत वितरण

डीएम ने मजाड़ा, सहस्रधारा, फुलेत और क्यारा जैसे प्रभावित क्षेत्रों में दैवीय आपदा मद से राहत राशि वितरण का पूरा आकलन करने और मुआवजा जल्द वितरित करने के निर्देश दिए।

यह घटना इस बात का सबूत है कि प्राकृतिक आपदा के साथ प्रशासनिक लापरवाही भी पीड़ितों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है।