CM Dhami got Amit Shah's trust in Uttarakhand, will he be the face in 2027 as well?
उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजित Investment Summit महज आर्थिक पहल नहीं थी, बल्कि यह एक बड़ा political signal भी बन गया। इस आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami की जिस खुले दिल से तारीफ की, उसने Uttarakhand Politics में नई हलचल पैदा कर दी है।
राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा तेज हो गई है कि 2027 Uttarakhand Assembly Elections में भी भाजपा का चेहरा पुष्कर सिंह धामी ही रहेंगे। अमित शाह के बयान को भाजपा हाईकमान के मजबूत समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
“धामी की धाक” क्यों बनी चर्चा का विषय?
जब 2017 में भाजपा सत्ता में आई थी, तो उसने अपने पहले कार्यकाल में तीन बार मुख्यमंत्री बदले। लेकिन 2022 में दोबारा सत्ता में लौटने के बाद, हाईकमान ने स्पष्ट रूप से धामी पर भरोसा जताया।
अब तक के कार्यकाल में धामी ने कई Bold Decisions लिए हैं:
Uniform Civil Code (UCC Uttarakhand) लागू करने की पहल
Anti-Copying Law की सख्त व्यवस्था
Forced Conversion Law
Dangaaiyon से नुकसान की वसूली का सख्त कानून
इन सब निर्णयों ने उन्हें केवल राज्य में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अलग पहचान दी है।
Industrial Growth & Reverse Migration: धामी का नया विजन
राज्य में Reverse Migration in Uttarakhand की समस्या को देखते हुए धामी ने Industrial Development और Job Creation पर फोकस किया है।
Global Investors Summit 2023 Uttarakhand में प्राप्त प्रस्तावों में से एक लाख करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है। यही नहीं, Border Villages में रिवर्स माइग्रेशन की सकारात्मक तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं।
अमित शाह का ‘ओपन एंडोर्समेंट’ क्या कहता है?
Investment Utsav Rudrapur 2024 में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे Union Home Minister Amit Shah ने न केवल विकास कार्यों की सराहना की बल्कि अपने “signature style” में साफ संकेत दिया कि भाजपा 2027 का चुनाव भी धामी की अगुआई में ही लड़ेगी।
उन्होंने न केवल मंच से तारीफ की, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी अपनापन दिखाया — जो कि भाजपा की राजनीति में एक बड़ा संकेत माना जाता है।
सरकार-संगठन में तालमेल का मॉडल बनते धामी
हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष Mahendra Bhatt का निर्विरोध चयन भी इसी दिशा में देखा जा रहा है। यह धामी की पसंद के अनुसार हुआ और हाईकमान की मंजूरी से। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा में अब धामी की भूमिका केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि political strategy में भी मजबूत होती जा रही है।