चेहरा बदला, पहचान छुपाई! भारत में रहने के लिए विदेशी महिलाओं ने करवाई Plastic Surgery, लखनऊ में बड़ा खुलासा

भारत में छुपने का नया तरीका: चेहरे की पहचान मिटाकर बसना!

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) की दो महिलाओं ने प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) के जरिए अपना चेहरा बदल लिया — सिर्फ इसलिए ताकि वे भारत में अवैध रूप से रह सकें।

यह कारनामा किसी फिल्मी साजिश से कम नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह हकीकत है और इसका पर्दाफाश FRRO (Foreigners Regional Registration Office) और पुलिस ने किया है।

 कैसे सामने आया मामला?

FRRO को गोपनीय सूचना मिली कि दो विदेशी महिलाएं लखनऊ के ओमेक्स सिटी, सुशांत गोल्फ सिटी के एक फ्लैट में छुपकर रह रही हैं। जब पुलिस ने छापा मारा, तो वहां से होलीदा और नीलोफर नाम की दो उज्बेक महिलाएं पकड़ी गईं।

जांच में सामने आया कि ये दोनों बिना पासपोर्ट और वीजा के पिछले दो साल से भारत में रह रही थीं। और सबसे चौंकाने वाली बात — इन्होंने अपनी पहचान छुपाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करवाई थी।

डॉक्टर, दलाल और अंतरराष्ट्रीय रैकेट

इस पूरे मामले में एक डॉक्टर की भूमिका भी उजागर हुई है। डॉ. विवेक गुप्ता नाम के सर्जन ने मोटी रकम लेकर दोनों महिलाओं की चेहरे की सर्जरी की। ये काम उसने त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा नाम के दलाल के कहने पर किया था।

यह पूरा ऑपरेशन एक निजी क्लिनिक में बेहद गोपनीय तरीके से किया गया, ताकि किसी को भनक न लगे।

 पुलिस को मिले कई सुराग, जल्द हो सकते हैं और बड़े खुलासे

पुलिस का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय रैकेट (International Illegal Immigration Racket) है, जिसकी जड़ें कई शहरों और शायद देशों तक फैली हो सकती हैं। अब तक की पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।

 भारत में वीजा खत्म होने के बाद विदेशी नागरिकों की चालें

भारत में हर साल हजारों विदेशी नागरिक Visa Expiry के बाद भी किसी न किसी बहाने गैरकानूनी तरीके से ठहरते रहते हैं। इनमें से कुछ फर्जी डॉक्युमेंट, कुछ फर्जी शादियां, तो अब फेस सर्जरी तक का सहारा ले रहे हैं।

 सवाल उठते हैं:

  • क्या मेडिकल एथिक्स के तहत ऐसा ऑपरेशन जायज़ था?

  • क्या डॉक्टर जानबूझकर कानून को तोड़ रहे हैं?

  • क्या यह मानव तस्करी या जासूसी से जुड़ा मामला तो नहीं?