Bihar Assembly Elections 2025: JPC मुद्दे पर कांग्रेस और सहयोगी दलों के बीच तनातनी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 30 दिन तक हिरासत में रहने के बाद पद से हटाने वाले तीन विवादित विधेयकों पर गठित जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) में शामिल होने के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है।

समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (UBT) जैसे दल JPC का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस JPC में शामिल होना चाह रही थी, लेकिन साथी दलों के दबाव के चलते पार्टी नेतृत्व असमंजस में है। सहयोगी दलों का मानना है कि यह बिल पूरी तरह भाजपा के पक्ष में है और JPC कोई वास्तविक बदलाव नहीं करेगी।

RJD का अलग रुख

बिहार की सबसे बड़ी कांग्रेस सहयोगी RJD भी अब सपा-टीएमसी और शिवसेना की तरह JPC में भाग न लेने का फैसला कर रही है। कांग्रेस का स्टैंड और RJD का स्टैंड अब विरोधाभासी हो गया है, जिससे पार्टी की मुश्किल और बढ़ गई है। इस बीच DMK ने कांग्रेस को कुछ राहत दी है और JPC में शामिल होने का निर्णय लिया है।

कांग्रेस की रणनीति

ET की रिपोर्ट के अनुसार, DMK के टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि उनकी पार्टी बिल का विरोध करने और इसे दर्ज कराने के लिए JPC में शामिल हुई है। वहीं कांग्रेस के एक सांसद ने बताया कि पार्टी इस बारे में विचार कर रही है कि JPC में शामिल होना कितना उपयोगी हो सकता है। उनका उद्देश्य सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करना है।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी ने भी JPC में अपने सदस्यों को नामित नहीं किया है, जबकि वामपंथी दलों ने अभी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। माना जा रहा है कि वामपंथी दल कांग्रेस के साथ रहकर विरोध दर्ज कराएंगे। कई विपक्षी दल इस JPC को बेहुदा और अप्रासंगिक बता रहे हैं।