टॉप मिलिट्री अफसरों का बड़ा खुलासा, पाकिस्तान को हुआ बड़ा नुकसान, 100 से अधिक आतंकी ढेर

भारतीय सेना के टॉप मिलिट्री अफसरों ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, सफलता और पाकिस्तान पर पड़े असर की पूरी जानकारी साझा की है। सेना के अनुसार, इस ऑपरेशन में भारत ने केवल आतंकियों को निशाना बनाया लेकिन जब पाकिस्तान ने सैन्य और सिविल ठिकानों को टारगेट किया, तब उन्हें कड़ा जवाब दिया गया।

 ऑपरेशन के प्रमुख बिंदु:

  • 100+ आतंकी ढेर, जिनमें हाई वैल्यू टारगेट भी शामिल

  • पाकिस्तान के कई एयरबेस, एयर डिफेंस रडार और आतंकी ट्रेनिंग कैंप तबाह

  • भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल अटैक नाकाम किए

  • कराची सहित कई संवेदनशील ठिकाने भारत के निशाने पर

  • ऑपरेशन में भारत ने खोए 5 जवान, लेकिन सभी पायलट सुरक्षित लौटे

DGMO बोले: “हमारा लक्ष्य आतंकी ठिकाने थे, पाकिस्तान नहीं”

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, DGMO ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों की पहचान की गई थी। हालांकि, कुछ कैम्प खाली हो गए थे, फिर भी सटीक प्लानिंग के तहत ऑपरेशन किया गया।

“हमारी प्राथमिकता आतंकियों को खत्म करना था, न कि पाकिस्तान की सेना से भिड़ना। लेकिन जब उन्होंने हमारे सिविल और मिलिट्री बेस को निशाना बनाया, तो जवाब देना जरूरी हो गया।”

एयरफोर्स का टारगेट क्लियर: सिर्फ आतंकी नहीं, पाक एयर डिफेंस भी ढेर

एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि भारत ने एयर-टू-सर्फेस गाइडेड वेपन का इस्तेमाल कर बहावलपुर और मुरीदके जैसे हाई वैल्यू टारगेट पर प्रिसिजन स्ट्राइक की। इन हमलों में किसी भी सिविलियन एरिया को नुकसान नहीं पहुंचा।

तबाह हुए टारगेट्स में शामिल:

  • पासरूर, चुनियां, अरीफवाला एयर डिफेंस रडार

  • सरगोधा, रहीम यार खान, चकलाला (नूर खान), जैकोबाबाद, भुलारी, सुक्कुर एयरबेस

  • बहावलपुर और मुरीदके के आतंकी ट्रेनिंग कैंप

“हमारा संदेश साफ था – आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

पाकिस्तान की जवाबी कोशिशें नाकाम, भारत की स्ट्राइक संतुलित लेकिन निर्णायक

जब पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से जवाब देने की कोशिश की, तब भारत ने उनके कमांड सेंटर, एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य बेस को भी निशाना बनाया। भारत के पास हर पाकिस्तानी ठिकाने को टारगेट करने की क्षमता है।

“हमारा उद्देश्य शवों की गिनती नहीं, लक्ष्य को तबाह करना था,” – एयर मार्शल भारती

क्या भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ?

जब पूछा गया कि क्या भारत के फाइटर जेट को नुकसान हुआ, तो एयर मार्शल ने कहा:

“हम युद्ध की स्थिति में हैं। कुछ प्लेटफॉर्म को नुकसान हुआ है, लेकिन सभी पायलट सुरक्षित हैं। हमारा लक्ष्य पूरा हुआ, और यही सबसे बड़ा जवाब है।”

नेवी भी थी फुल एक्टिव: कराची तक था भारत का रडार लॉक

वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने कहा कि पहलगाम हमले के 96 घंटे के अंदर ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में फॉरवर्ड तैनाती कर दी थी। इंडियन नेवी पूरी तरह तैयार थी समुद्र और जमीन पर किसी भी टारगेट को खत्म करने के लिए। कराची भी भारत के संभावित टारगेट में शामिल था।

“हमारी रणनीति ने पाकिस्तान को बंदरगाहों तक सीमित कर दिया। उनकी नेवी और एयर यूनिट्स पूरी तरह रक्षात्मक हो गईं।”

पाकिस्तान ने मांगी थी युद्धविराम की भीख

DGMO ने खुलासा किया कि 10 मई को दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तानी DGMO ने हॉटलाइन पर युद्धविराम का प्रस्ताव दिया, जिसे भारत ने मान लिया। लेकिन कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तान ने फिर गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ कर दी।

“हमने साफ संदेश दिया है – दोबारा उल्लंघन हुआ, तो जवाब और भी कड़ा होगा।”

5 भारतीय जवान शहीद: बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा:

“ऑपरेशन सिंदूर में हमारे 5 साथी शहीद हुए। देश उनका बलिदान कभी नहीं भूलेगा। हमने संयम बरता लेकिन यदि भविष्य में कोई खतरा हुआ तो हमारी प्रतिक्रिया निर्णायक होगी।”

 ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ एक जवाब था, बल्कि पाकिस्तान के आतंकवाद को मिलने वाले समर्थन के खिलाफ एक रणनीतिक संदेश भी था। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हर हमला सीधे और सटीक जवाब पाएगा।