Arrest of fake babas before Kanwar Yatra, got support from saint community too
उत्तराखंड में Kanwar Yatra 2024 से ठीक पहले शुरू किए गए Operation Kalnemi की गूंज अब आध्यात्मिक जगत तक पहुंच चुकी है। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस अभियान का खुले तौर पर समर्थन करते हुए कहा है कि “यह किसी सच्चे संत या बाबा के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन ढोंगियों के खिलाफ है जो धर्म की आड़ में लूट और धोखा कर रहे हैं।”
धोखेबाजों की सफाई ज़रूरी है” – Swami Chidanand on Operation Kalnemi
ऋषिकेश में मीडिया को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानंद ने कहा:
“मैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने Operation Kalnemi जैसा साहसी कदम उठाया। यह किसी संत पर हमला नहीं है, बल्कि यह समाज को गुमराह करने वाले Fake Babas और ढोंगी बाबाओं के खिलाफ है। हमें धर्म की पवित्रता बनाए रखने के लिए इस ऑपरेशन का समर्थन करना चाहिए।”
अब तक 134 फर्जी बाबाओं की हुई गिरफ्तारी
उत्तराखंड पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 134 नकली बाबाओं को पकड़ा जा चुका है, जो खुद को धर्मगुरु बताकर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहे थे। SSP देहरादून अजय सिंह के अनुसार, रविवार को Dehradun के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 34 और फर्जी संतों को पकड़ा गया। इन सभी की पहचान साधु या गुरु के वेश में हुई, लेकिन जांच में ये लोग फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए।
Operation Kalnemi: क्या है इसका मकसद?
Keyword-friendly explainer: Operation Kalnemi Uttarakhand एक law enforcement drive है, जिसे उत्तराखंड सरकार ने धार्मिक ठगी रोकने के लिए शुरू किया है। इस अभियान का नाम ‘कालनेमि’, रामायण के एक राक्षस पात्र से लिया गया है जो छद्मवेश में रामभक्तों को धोखा देता था। इसका उद्देश्य है धर्म के नाम पर चल रही ठगी, money fraud, blind faith exploitation और सामाजिक धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना।