Raj Thackeray और Uddhav Thackeray के बीच हो रही Secret Talks? जानें सच्चाई
Maharashtra Politics में इन दिनों एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। खबरें हैं कि Raj Thackeray और Uddhav Thackeray के बीच फिर से बातचीत शुरू हो चुकी है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह नज़दीकी सिर्फ emotional connection तक सीमित है या आगामी Lok Sabha और Assembly Elections में कोई गठबंधन भी देखने को मिलेगा।
‘Marathi Interests First’ पर जोर, लेकिन MNS ने Election Alliance से किया इंकार
MNS leader Sandeep Deshpande ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि महाराष्ट्र के हित में एकजुट होना ज़रूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए किया जाए।
“जैसे तमिलनाडु में कावेरी के मुद्दे पर सभी Tamil parties एकजुट हुई थीं, वैसे ही Marathi हितों के लिए एकता हो सकती है। लेकिन अगर यह केवल चुनावी रणनीति है, तो यह narrow mindset दर्शाता है।”
राज ठाकरे ने पॉडकास्ट में दिया मिलकर काम करने का संकेत
MNS Chief Raj Thackeray ने अभिनेता Mahesh Manjrekar के पॉडकास्ट में कहा कि वे Marathi Manus के हित में अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाने को तैयार हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी मराठी पार्टियों को एक साथ आकर एक मजबूत राजनीतिक विकल्प बनाना चाहिए।
Sanjay Raut ने की ‘Emotional Talks’ की पुष्टि, लेकिन Alliance पर चुप्पी
Shiv Sena (UBT) के नेता Sanjay Raut ने कहा कि भले ही गठबंधन की कोई official घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राज और उद्धव ठाकरे के बीच “emotional बातचीत” जारी है।
“Uddhav Thackeray ने सुलह के लिए कोई शर्त नहीं रखी है, और वे भी महाराष्ट्र हित में छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाने को तैयार हैं।”
उद्धव ठाकरे का BJP पर तंज, बोले – पहले तय करें किसके साथ हैं
एक पार्टी कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने बिना नाम लिए राज ठाकरे पर तंज कसा। उन्होंने कहा:
“ऐसा नहीं हो सकता कि आप लोकसभा चुनाव में BJP को सपोर्ट करें, फिर विधानसभा चुनाव में विरोध करें और फिर समझौता कर लें। पहले यह तय करें कि जो महाराष्ट्र के खिलाफ काम करेगा, उसका साथ नहीं देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग महाराष्ट्र का कारोबार और निवेश गुजरात की ओर धकेल रहे हैं, उनसे दूरी बनाए रखना जरूरी है।
MNS का विरोध – ‘भरोसे का सवाल है’
Sandeep Deshpande ने यह साफ कर दिया कि 2014 और 2017 में शिवसेना के साथ MNS का अनुभव अच्छा नहीं रहा, इसलिए कोई गठबंधन फिलहाल संभव नहीं है।
“अगर PM Narendra Modi उद्धव को बुलाएं, तो वे तुरंत BJP के पास चले जाएंगे। फिर हमसे BJP से बात न करने की अपेक्षा क्यों की जा रही है?”
हालांकि अभी तक MNS और Shiv Sena (UBT) के बीच कोई औपचारिक गठबंधन नहीं हुआ है, लेकिन Marathi Identity और anti-BJP sentiment के नाम पर दोनों नेताओं के बीच बढ़ती नजदीकियां महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती हैं। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ठाकरे परिवार अपने पुराने मतभेद भुलाकर फिर से एक मंच पर आ पाता है।