America's clear message: No involvement in India-Pakistan conflict, focus on counter-terrorism
वॉशिंगटन: अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD Vance ने भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को एक प्रमुख टीवी इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि United States इस द्विपक्षीय मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करेगा। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी Zero Tolerance Policy पर अडिग रहेगा।
JD Vance ने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान जैसे nuclear-armed neighbours को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन हम उन्हें तनाव कम करने के लिए प्रेरित जरूर कर सकते हैं। हमारी प्राथमिकता यही है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का बड़ा संघर्ष न हो।”
अमेरिका को Nuclear Conflict का खतरा
जब JD Vance से पूछा गया कि क्या Trump administration भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित nuclear conflict को लेकर चिंतित है, तो उन्होंने कहा, “बिल्कुल, यह एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारी कोशिश यही है कि कोई भी ऐसा टकराव न हो जो इस क्षेत्र को बड़े युद्ध की ओर ले जाए।”
Washington का रुख साफ: No War Participation, Only Diplomacy
JD Vance ने कहा, “हम किसी ऐसे युद्ध में नहीं कूदेंगे, जो हमारी जिम्मेदारी नहीं है। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की अपनी-अपनी चिंताएं और जवाब हैं। US foreign policy का मकसद तनाव को कम करना है, न कि सैन्य हस्तक्षेप करना।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका न तो भारत से हथियार डालने को कह सकता है और न ही पाकिस्तान से। “हम केवल diplomatic channels के ज़रिये समाधान की कोशिश करेंगे,” वेंस ने कहा।
अमेरिका की चिंता: आतंकवाद पर सख्त, युद्ध से दूर
JD Vance ने अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump और विदेश मंत्री Marco Rubio का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान जल्द से जल्द de-escalation की दिशा में आगे बढ़ें।
“हम यह आशा करते हैं कि यह संघर्ष किसी बड़े regional war या, भगवान न करे, nuclear escalation में न बदले। लेकिन हां, हम इसकी संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं और इस पर नज़र बनाए हुए हैं,” उन्होंने कहा।
America’s Strategic Stand on India-Pakistan
अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत-पाक के आपसी विवादों में military intervention नहीं करेगा, लेकिन terrorism support को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। US diplomatic efforts का उद्देश्य केवल क्षेत्रीय शांति बनाए रखना और किसी भी तरह की nuclear confrontation से बचाव करना है।