वक्फ संशोधन विधेयक 2024: क्या है, क्यों हो रहा है विवाद, और किन सुधारों की हो रही है बात?

क्या है वक्फ संशोधन बिल 2024, इसके प्रावधान और प्रभाव?

8 अगस्त 2024 को लोकसभा में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) और मुसलमान वक्फ निरसन विधेयक 2024 (Muslim Waqf Repeal Bill 2024)। इनका उद्देश्य वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के कार्यों को सुव्यवस्थित करना और वक्फ संपत्तियों (Waqf Properties) के प्रबंधन को बेहतर बनाना है।

विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद, केंद्र सरकार ने इसे पारित करने की योजना बनाई है। केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में 8 घंटे की चर्चा का प्रस्ताव रखा। हालांकि, विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA Alliance) के सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार कर सरकार पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया।

वक्फ संशोधन बिल 2024 के मुख्य उद्देश्य

विधेयक के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. वक्फ अधिनियम 1995 (Waqf Act 1995) की कमियों को दूर करना।

  2. वक्फ बोर्डों (Waqf Boards) की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कानूनी सुधार।

  3. वक्फ की परिभाषाओं को स्पष्ट और अद्यतन करना।

  4. पंजीकरण प्रक्रिया (Registration Process) में सुधार करना।

  5. वक्फ रिकॉर्ड (Waqf Records) के डिजिटल प्रबंधन के लिए तकनीकी समाधान अपनाना।

भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रशासन कैसे होता है?

भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ अधिनियम 1995 के तहत किया जाता है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिनियमित है। इसका उद्देश्य संपत्तियों की रक्षा और कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। मुख्य प्रशासनिक निकाय इस प्रकार हैं:

 

  1. केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council) – सरकार और राज्य वक्फ बोर्डों को नीति पर सलाह देती है।

  2. राज्य वक्फ बोर्ड (State Waqf Boards) – प्रत्येक राज्य में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं।

  3. वक्फ न्यायाधिकरण (Waqf Tribunals) – वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों का समाधान करते हैं।

वक्फ संपत्तियों से जुड़े मुद्दे

  1. ‘एक बार वक्फ, हमेशा वक्फ’ (Once Waqf, Always Waqf) के सिद्धांत के कारण विवाद उत्पन्न हुए हैं।

  2. वक्फ भूमि पर अवैध कब्जा, कुप्रबंधन और कानूनी विवाद गंभीर समस्याएँ बनी हुई हैं।

  3. वक्फ न्यायाधिकरणों (Waqf Tribunals) के निर्णय उच्च न्यायालयों (High Courts) में चुनौती नहीं दी जा सकती, जिससे न्यायिक समीक्षा का अभाव है।

  4. वक्फ संपत्तियों का अधूरा सर्वेक्षण (Incomplete Survey) और पंजीकरण प्रक्रिया (Registration Process) में देरी।

  5. कुछ राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग, निजी संपत्तियों को वक्फ घोषित करना।

वक्फ संशोधन बिल 2024 में प्रस्तावित सुधार

  1. ट्रस्टों का पृथक्करण (Separation of Trusts): अब मुसलमानों द्वारा बनाए गए ट्रस्ट वक्फ नहीं माने जाएंगे।

  2. केंद्रीय पोर्टल (Centralized Portal): प्रौद्योगिकी आधारित पोर्टल के माध्यम से संपत्तियों का पंजीकरण और ऑडिटिंग।

  3. वक्फ समर्पण के लिए पात्रता (Eligibility for Waqf Dedication): केवल नियमित रूप से पाँच वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे मुस्लिम ही वक्फ समर्पित कर सकते हैं।

  4. महिलाओं के अधिकार (Women’s Rights in Waqf): विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के लिए विशेष प्रावधान।

  5. वक्फ न्यायाधिकरणों को सशक्त करना (Strengthening Waqf Tribunals): स्थायित्व और दक्षता बढ़ाने के लिए संरचित चयन प्रक्रिया।

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाना है। हालांकि, विपक्ष का मानना है कि यह विधेयक धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन का कारण बन सकता है। इस विधेयक के पारित होने से वक्फ प्रबंधन और प्रशासन में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।